view all

म्यांमार दौरा: सू ची और पीएम मोदी की बातचीत में उठा रोहिंग्या मुसलमानों का मुद्दा

प्रधानमंत्री आज अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर की मजार पर भी गये और श्रद्धांजलि अर्पित की

FP Staff

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी म्यांमार में अपनी पहले द्विपक्षीय दौरे के समापन के बाद गुरुवार को भारत के लिए रवाना हो गए. म्यांमार में उन्होंने स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची के साथ विस्तृत वार्ता की और आतंकवाद से निपटने का संकल्प लिया. प्रधानमंत्री आज अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर की मजार पर भी गए और श्रद्धांजलि अर्पित की.


मोदी ने भारत के लिए रवाना होने से पहले ट्वीट किया, ‘मेरे म्यांमार दौरे में भारत-म्यांमार संबंधों पर बेहद जरूरी प्रेरणा देने और द्विपक्षीय सहयोग को गहराने से जुड़ा अहम काम हुआ.’ मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘ मैं म्यांमार की जनता और सरकार का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने सुंदर देश म्यांमार में मेरी अदभुत मेहमान नवाजी की.’

इससे पहले सुबह वह 2,500 वर्ष पुराने श्वेदागोन पगोडा के दर्शन किए और कालीबाड़ी मंदिर में पूजा की. इस पगोडा को बौद्ध बहुलता वाले म्यांमार की सांस्कृतिक विरासत की धुरी माना जाता है. मोदी ने बाद में शहीदों की कब्र (स्मारक) पर श्रद्धांजलि अर्पित की और कालीबाड़ी मंदिर में पूजा भी की.

मोदी की पहली द्विपक्षीय यात्रा एक ऐसे समय पर हुई है, जब सू ची के नेतृत्व वाली म्यांमार सरकार 1.25 लाख रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना कर रही है. म्यांमार की सेना द्वारा राखिने राज्य में कार्रवाई किए जाने के बाद 1.25 लाख रोहिंग्या मुसलमान महज दो सप्ताह में बांग्लादेश में आ गए हैं.

सू ची के साथ वार्ता के बाद मोदी ने कहा कि भारत राखिने राज्य में चरमपंथी हिंसा, खासतौर पर सुरक्षाकर्मियों और मासूम लोगों की मौत को लेकर म्यांमार की चिंता में साझीदार है.

उन्होंने यह भी कहा था कि दोनों देशों की जमीनी और समुद्री सीमा की सुरक्षा एवं स्थिरता को बनाए रखना महत्वपूर्ण है.

मोदी और सू ची के बीच बातचीत के बाद दोनों पक्षों के बीच नौवहन सुरक्षा, स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में और म्यांमार में लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत करने से जुड़े 11 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए.