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देशवासियों से पीएम मोदी ने की 49वीं बार 'मन की बात'

इस मासिक कार्यक्रम का LIVE प्रसारण सुबह 11 बजे ऑल इंडिया रेडियो, दूरदर्शन, डीडी न्यूज और अन्य रेडियो चैनलों पर किया जा रहा है

FP Staff

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता से 49वीं बार 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए देश की जनता को संबोधित किया. इस मासिक कार्यक्रम का LIVE प्रसारण सुबह 11 बजे ऑल इंडिया रेडियो, दूरदर्शन, डीडी न्यूज और अन्य रेडियो चैनलों पर किया गया. इस कार्यक्रम की यूट्यूब और www.allindiaradio.gov.in पर भी लाइव स्ट्रीमिंग हुई.

कार्यक्रम की शुरुआत में उन्होंने सरदार पटेल को याद करते हुए कहा कि 31 अक्टूबर को उनकी जयंती है और स्टैच्यू ऑफ यूनिटी देश की तरफ से उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी. पीएम ने कहा कि इस दिन पूरा देश एकता के लिए दौड़ेगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि 31 अक्टूबर को इंदिरा गांधी की  पुण्‍यतिथि भी हैं, उन्हें मेरी श्रद्धांजलि.

27 अक्टबर को इन्फैंट्री डे मनाया गया. इस बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मैं उन सभी को नमन करता हूं जो भारतीय सेना का हिस्सा हैं. मैं अपने सैनिकों के परिवारों को भी उनके साहस के लिए सलाम करता हूं. इस दिन को मनाए जाने का कारण बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि  यह वही दिन है जब भारत के तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल के सुझाव पर भारतीय सेना के जवान कश्मीर की धरती पर उतरे थे और घुसपैठियों से घाटी की रक्षा की थी.

इसके अलावा उन्होंने इस साल होने वाले पुरुष हॉकी वर्ल्ड कप के बारे में बात करते हुए कहा कि इस वर्ष भारत को भुवनेश्वर में पुरुष हॉकी वर्ल्ड कप 2018 के आयोजन का सौभाग्य मिला है. Hockey World Cup 28 नवम्बर से प्रारंभ हो कर 16 दिसम्बर तक चलेगा. भारत का हॉकी में एक स्वर्णिम इतिहास रहा है.

उन्होंने कहा कि खेल जगत में स्पिरिट, स्ट्रेंथ, स्किल, स्टैमिना ये सारी बातें बेहद महत्वपूर्ण हैं. ये किसी खिलाड़ी की सफलता की कसौटी होते हैं और यही चारों गुण किसी राष्ट्र के निर्माण के भी महत्वपूर्ण होते हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि पिछले दिनों मैं एक कार्यक्रम में गया था जहां ‘सेल्फ फॉर सोसायटी’ नाम का एक पोर्टल लॉन्च किया गया है. यानी समाज के लिए हम, इस काम के लिए लोगों में जो उत्साह है उसे देखकर हर भारतीय को गर्व महसूस होगा. आईटी से सोसायटी, मैं नहीं हम, अहम् नहीं वयम्, स्व से समष्टि तक की यात्रा की इसमें महक हैः

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज सारा विश्व पर्यावरण संरक्षण की चर्चा कर रहे हैं और संतुलित जीवनशैली के लिए नए रास्ते ढूंढ रहे हैं. प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर के रहना हमारे आदिवासी समुदायों की संस्कृति में शामिल रहा है.

हमारे आदिवासी भाई-बहन पेड़-पौधों और फूलों की पूजा देवी-देवताओं की तरह करते हैं.