प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया कि महिलाओं को शादी के बाद अब अपने पासपोर्ट में अपना नाम बदलवाने की जरूरत नहीं है. वह शादी से पहले वाले अपने नाम को ही बरकरार रख सकेंगी.
मोदी ने गुरुवार को कहा कि वह चाहते हैं कि महिलाएं विकास योजनाओं के केंद्र में रहें. उन्होंने कहा कि, मुद्रा और उज्ज्वला सहित अलग-अलग योजनाओं के जरिए उनकी सरकार महिलाओं को सशक्त करने के लिए कई तरह के कदम उठा रही है.
पासपोर्ट में अपना नाम नहीं बदलवाना होगा
इंडियन मर्चेंट चैंबर्स की महिला शाखा को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘अब से महिलाओं को शादी के बाद पासपोर्ट में अपना नाम नहीं बदलवाना होगा.’
उन्होंने कहा कि, सरकार चाहती है कि महिलाएं उसकी सभी विकास योजनाओं में प्राथमिकता में रहें. अपनी सरकार की ओर से शुरू की गई विभिन्न महिला केंद्रित योजनाओं का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि, महिलाओं के लिए मैटरनिटी लीव 12 हफ्ते से बढ़ाकर 26 हफ्ते का कर दिया गया है. जबकि, एक अन्य योजना में अस्पतालों में बच्चे को जन्म देने वाली महिलाओं को 6000 रूपए देने का प्रावधान है.
उज्ज्वला योजना के तहत 2016 में शुरू हुई मुफ्त रसोई गैस वितरण परियोजना पर मोदी ने कहा, ‘सरकार ने अगले 2 साल में बीपीएल परिवारों के 5 करोड़ लोगों को इस दायरे में लाने का लक्ष्य तय किया है. इसकी शुरूआत के एक साल के भीतर योजना से दो करोड़ महिलाओं को लाभ मिला है.’
पुरूषों से दो कदम आगे साबित
उन्होंने कहा कि एलपीजी सब्सिडी छोड़ने की मुहिम के तहत अभी तक 1.2 करोड़ लोगों ने स्वेच्छा से इस लाभ का त्याग कर दिया है. मोदी ने उद्यमी भावना के लिए महिलाओं की तारीफ करते हुए कहा कि, महिलाओं को जहां भी मौके दिए जाते हैं, वह खुद को पुरूषों से दो कदम आगे ही साबित करती हैं.
उन्होंने कहा कि डेयरी और पशुधन क्षेत्रों में सबसे बड़ी योगदानकर्ता महिलाएं ही होती हैं. पीएम ने कहा कि ‘लिज्जत पापड़’ और ‘अमूल’ इस बात के शानदार उदाहरण हैं कि जब हमारी महिलाओं को सशक्त किया जाता है तो वे क्या कुछ कर सकती हैं.