view all

वाट्सऐप पर अभद्र भाषा को लेकर फंसे पायलट: आखिर कहां तक है प्राइवेसी की सीमा?

पायलट नौकरी छोड़ने के नोटिस पीरियड को लेकर डीजीसीए से नाराज थे

FP Staff

नागरिक उड्डयन निदेशालय (डीजीसीए) ने 34 पायलटों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. शिकायत में कहा गया कि इन पायलटों डीजीसीए और इसके कुछ अधिकारियों के खिलाफ अभद्र भाषा वाले संदेश वाट्सऐप ग्रुप में डाले. पुलिस ने इनमें से कुछ पायलटों से पूछताछ भी की. हालांकि कोई कार्रवाई नहीं हुई. पुलिस इस मामले में कानूनी राय ले रही है.

क्या है पूरा मामला


पहले आपको पूरा मामला समझा दें- डीजीसीए के जॉइंट डायरेक्टर ललित गुप्ता को एक पायलट ने ही कुछ संदेश फॉरवर्ड किए. ये संदेशों कुछ पायलटों ने एक वाट्सऐप ग्रुप पर भेजे थे. इसमें गुप्ता के लिए काफी अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया था. बताया जा रहा है कि ये पायलट नौकरी छोड़ने के नोटिस पीरियड को लेकर डीजीसीए से नाराज थे.

इसके बाद जेट एयरवेज, इंडिगो, स्पाइसजेट और गोएयर में काम करने वाले इन पायलटों के खिलाफ शिकायत की गई. शिकायत के बाद सभी एयरलाइंस की ओर से डीजीसीए से माफी मांग ली गई है. एयरलाइंस का कहना है कि माफी मांगने के बाद मामला खत्म हो गया है और इसे आगे बढ़ाए जाने की जरूरत है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी कानूनी प्रक्रिया में वह पूरा सहयोग करेंगे. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री जयंत सिन्हा ने भी कहा कि ऐसी भाषा का प्रयोग नहीं होना चाहिए.

प्राइवेसी की सीमा पर सवाल

जाहिर है कि किसी से नाराजगी के कारण भाषा की सीमा नहीं लांघी जानी चाहिए. साथ ही यह भी सवाल खड़े होते हैं कि किसी निजी वाट्सऐप ग्रुप में की गई बातों की निजता किसी हद तक जाती है. जाहिर है कि किसी के साथ की गई वाट्सऐप की बातचीत निजी है लेकिन अगर ऐसा ही समूह में किया जाए तो उसपर सवाल खड़े हो सकते हैं. लोग अक्सर हंसी-मजाक में या फिर गुस्से में ऐसी जगह पर अपनी राय रख देते हैं.