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सहारनपुर हिंसा की न्यायिक जांच के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका

अदालत ने इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 10 जुलाई तय की है

Bhasha

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के वकील को सहारनपुर हिंसा की न्यायिक जांच की मांग वाली एक जनहित याचिका पर निर्देश लेने को कहा है. इस अंतरजातीय हिंसा में कई लोगों की जान चली गई है.

चीफ जस्टिस डी बी भोसले और जस्टिस एम के गुप्ता की खंडपीठ ने रमेंद्र नाथ द्वारा दायर जनहित याचिका पर यह आदेश मंजूर किया. रमेंद्र नाथ ने अदालत से जांच आयोग में कम से कम एक सदस्य अनुसूचित जाति से होने का भी निर्देश जारी करने की गुजारिश की.


याचिकाकर्ता ने पश्चिमी यूपी के सहारनपुर जिले में मोबाइल इंटरनेट और मैसेजिंग सेवाएं बहाल किए जाने की भी मांग की. सहारनपुर में हिंसा के बाद पिछले सप्ताह यह सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं. इसके अलावा, याचिकाकर्ता ने हिंसा भड़काने में दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की.

सहारनपुर हिंसा मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है

10 जुलाई को मामले की अगली सुनवाई

राज्य सरकार द्वारा हाईकोर्ट को बताया गया कि इस पूरे घटनाक्रम की जांच के लिए योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा एसआईटी गठित की गई है. अदालत ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख 10 जुलाई तय की है.

बीते 5 मई को महाराणा प्रताप की जयंती के मौके पर निकाले जा रहे एक जुलूस पर दलितों द्वारा आपत्ति किए जाने पर भड़की हिंसा में शब्बीरपुर गांव में अगड़ी जाति के एक युवक की हत्या कर दी गई थी. इसके कुछ दिनों बाद ‘महापंचायत’ करने के अनुरोध को प्रशासन द्वारा ठुकराए जाने पर भीम आर्मी के सदस्यों ने कई गाड़ियों को आग लगा दी थी.

पिछले सप्ताह बीएसपी प्रमुख मायावती के शब्बीरपुर दौरे से पहले और बाद में सहारनपुर में फिर हिंसा हुई थी.