लगातार 9 दिनों तक पेट्रोल- डीजल की बढ़ती कीमतों के बाद इंडियन ऑयल ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कंपनी ने कहा कि सरकार ने 19 दिनों तक फ्यूल की कीमतें स्थिर रखने का कोई भी निर्देश कंपनी को नहीं दिया था. इंडियन ऑयल ने साफ किया कि ये फैसला उसने खुद लिया था. कंपनी ने कहा कि पिछले काफी समय से पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे थे. ऐसे में कंपनी ने फैसला लिया कि 19 दिनों तक फ्यूल की कीमतों को स्थिर रखा जाएगा.
इसके साथ ही इंडियन ऑयल ने कहा कि सभी पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स जीएसटी के अंदर आने चाहिए. दरअसल काफी समय से इस बात पर बहस चल रही थी कि पेट्रोल और डीजल जीएसटी के अंदर आने चाहिए या नहीं. इंडियन ऑयल ने इसी सवाल के जवाब में ये बात कही.
क्या कंपनी ने कर्नाटक चुनाव के दौरान फ्यूल की कीमतों में बदलाव के सरकार के फैसले का उल्लंघन किया था? इस पर इंडियन ऑयल के चेयरमैन ने कहा कि सरकार ने हमे फ्यूल की कीमतों में बदलाव करते रहने की आजादी दी है, इसलिए हमने ये फैसला लिया.
बता दें कार्नाटक चुनाव से पहले 19 दिनों तक पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर रही थी. चुनाव के बाद लागातर 9 दिनों से कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. मंगलवार को पेट्रोल-डीजल के रेट रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गए है. दिल्ली में पेट्रोल की कीमत अब 76.87 प्रति लीटर हो गई है. वहीं डीजल की कीमत 68.06 प्रति लीटर तक पहुंच गई है. स्थिति को देखते हुए पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मंगलवार को तेल कंपनियों के चेयरमैन के साथ बैठक करने वाले हैं.