मद्रास हाई कोर्ट ने गुरुवार को कोका कोला और पेप्सी कंपनियों को उनके बॉटलिंग प्लांट्स के लिए तमिलनाडु में एक नदी से पानी निकालने की अनुमति दी, लेकिन अनुमति देने से निराश स्थानीय लोगों ने नदी के पानी में खड़े होकर प्रदर्शन किया.
कोल्ड ड्रिंक की कंपनियों को बड़ी राहत देते हुए अदालत की मदुरै बेंच ने उन्हें तमिरबरनी नदी से तिरनेलवेली जिले में उनके बाटलिंग प्लांट्स के लिए पानी निकालने की अनुमति दे दी है. इस पानी का इस्तेमाल कोल्ड ड्रिंक और पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर के लिए किया जाएगा.
उपभोक्ता अधिकार कार्यकर्ता डी ए प्रभाकर और अप्पावो नामक शख्स की जनहित याचिका को खारिज करते हुए जस्टिस ए सेल्वम और जस्टिस पी कलैयारासन की बेंच ने इन कंपनियों पर नदी से पानी निकालने पर पहले अदालत द्वारा लगाई गई रोक को हटा दिया.
अदालत ने पिछले साल नवंबर में अंतरिम आदेश जारी किया था.
कोल्ड ड्रिंक कंपनियों ने इस आधार पर बेन हटाने का निर्देश देने की मांग की थी. वह केवल पानी वाले ही हिस्से का इस्तेमाल कर रही हैं.
याचिका दाखिल करने वालों ने कहा कि तिरनेलवेली और तुतीकोरिन जिलों से बह रही नदी दोनों जिलों में ड्रिंकिंग वाटर प्रोजेक्ट और सिंचाई में मददगार है. इसमें कहा गया कि इन कंपनियों द्वारा बाटलिंग प्लांट्स के लिए पानी निकालने से किसान प्रभावित होंगे.
तिरनेलवेली उपभोक्ता संरक्षण संघ के सचिव प्रभाकर ने दलील दी कि कंपनियां प्रति एक हजार लीटर निकाले गए पानी के लिए केवल 37.50 पैसे अदा करती हैं और अपने प्रोडक्ट बहुत अधिक कीमत में बेचती हैं.
लोक निर्माण विभाग ने पहले कहा था कि नदी में पर्याप्त पानी है. और कंपनियों को केवल अतिरिक्त जल दिया गया.