देश में महिलाओं की सुरक्षा, सामाजिक और आर्थिक स्तर को सुधारने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय पहली बार राष्ट्रीय महिला पॉलिसी 2016 बनाने जा रहा है. इस पॉलिसी को उपयोगी बनाने के लिए मंत्रालय ने सिविल सोसायटी के लोगों से सुझाव मांगे हैं.
हाल ही में मंत्रालय ने चेंज डॉट ओआरजी, एमनेस्टी इंडिया आदि कई सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर ट्विटर पर #national policy 4 women अभियान चलाया, जिसमें मई 2017 तक हजारों लोगों ने बड़े ही दिलचस्प सुझाव महिलाओं की सुरक्षा और बेहतरी के लिए दिए.
चेंज डॉट ओआरजी की ओर से बताया गया कि इनमें से चुनिंदा सुझावों को मंत्रालय पॉलिसी के ड्राफ्ट में शामिल करेगा और ये नेशनल पॉलिसी का हिस्सा होंगे. उन हजारों सुझावों में से कुछ बेहद दिलचस्प सुझाव हम आपके लिए लेकर आए हैं.
हर घर से एक महिला को मिले सरकारी नौकरी
पुरुषोत्तमन पी नाम के शख्स ने हर घर से एक महिला को सरकारी नौकरी देने का सुझाव दिया है. उनका कहना है कि नेशनल पॉलिसी में इस बात की गारंटी मिले.
सभी महिलाओं को दी जाए पिस्टल गन
मंजीत पुर्थी ने ट्वीट कर सुझाव दिया है कि सभी महिलाओं को पिस्टल गन दे देनी चाहिए ताकि वे मर्डर, रेप आदि घटनाओं से अपने आप को सुरक्षित कर सकें.
वहीं अनुराग लाला ने भी सुझाव दिया है कि महिलाओं को हथियार रखने की आजादी दी जाए.
33 फीसदी सजा काट चुकी महिलाओं को कैद से रिहाई
वे महिलाएं जो अंडर ट्रायल हैं और 33 फीसदी से ज्यादा सजा जेल में काट चुकी हैं उन्हें ऑटोमेटिकली रिहा किए जाने का प्रावधान बने. इसी से संबंधित एक और सुझाव मिला है.
वहीं आर टंडन का कहना है कि जो महिलाएं जेल में हैं, वे अपने बच्चों से आसानी से मिल सकें इसके लिए कानून बने.
सभी हाइवेज पर महिलाओं के लिए शौचालय हों
सभी हाइवेज पर महिलाओं के लिए शौचालय बनाया जाना सुनिश्चित किया जाए. इसके साथ ही बाजारों, सार्वजनिक स्थानों, पार्कों में महिलाओं के लिए शौचालय की सुविधा महिलाओं के लिए राष्ट्रीय पॉलिसी का हिस्सा बने.
राइट टू एजुकेशन को 18 साल तक किया जाए
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को वर्षा भार्गवी ने सुझाव दिया है कि राइट टू एजुकेशन को 14 साल की उम्र से बढ़ाकर 18 तक किया जाए. ताकि किशोरियों को भी शिक्षा मिल सके.
सेनेटरी नेपकिन और अन्य मेन्स्ट्रुअल उत्पादों से टैक्स हटे
चेंज डॉट ओआरजी सहित कई अन्य संगठनों की ओर से महिलाओं के मासिक धर्म से संबंधित उत्पादों जैसे सेनेटरी नैपकिन आदि से जीएसटी हटाया जाए. इन उत्पादों को टैक्स फ्री किया जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं इस्तेमाल कर सकें.
कन्या स्कूली बसें चलें, महिला ड्राइवर और कंडक्टर हों
कन्या स्कूल बसें चलाई जाएं. जिनमें महिलाएं ही ड्राइवर हों और महिलाएं ही परिचालक हों. ताकि लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.
इसके साथ ही राजन ने सुझाव दिया है कि खासतौर पर पीक आवर्स में महिला चालित ऑफिस और स्कूल के लिए बसें चलाई जाएं.
50 फीसदी से ज्यादा महिला कर्मचारी तो टैक्स में राहत
इस सुझाव के तहत 50 फीसदी से ज्यादा महिला कर्मचारी रखने वाली कंपनियों को टैक्स में रियायत दी जाए. साथ ही ऐसी कंपनियों को आगे काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए.
साभार: न्यूज़18 हिंदी