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नोट अमान्य होने से आम लोग बेहद परेशान

लोगों को अपनी जरूरतें पूरी करने में काफी परेशानी हो रही है.

IANS

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार की रात 500 और 1000 रुपये के नोटों को अमान्य घोषित कर दिया. सरकार के फैसले से देश के अन्य हिस्सों की तरह मध्य प्रदेश में भी आम लोगों की जिंदगी पर सीधा असर पड़ रहा है. लोगों को अपनी जरूरतें पूरी करने में काफी परेशानी हो रही है. सरकारी घोषणा के बाद मरीजों के परिजनों को मेडिकल स्टोर से दवाएं नहीं मिल रही हैं. पेट्रोल पंपों पर विवाद के हालात बन रहे हैं. कई लोगों के लिए तो रेल में बिना टिकट यात्रा करने की नौबत आ रही है.

इस फैसले के बाद हर तरफ अफरा-तफरी की स्थिति बन गई है. वे लोग रात से ही चिंतित हो गए, जिनके पास 500-1000 रुपये के नोट थे. उन्होंने कम मूल्य के नोट पाने की कोशिश की, मगर नाकामी हाथ लगी. रात बारह बजे के बाद एटीएम से नोटों का निकलना भी बंद हो गया.


राजधानी के हमीदिया अस्पताल में अपने परिजन का इलाज कराने पन्ना से आए रोशनलाल समझ नहीं पा रहे हैं कि वे दवा का इंतजाम कैसे करें. उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि उनके पास सिर्फ 500 रुपये के ही नोट हैं और मेडिकल स्टोर वाले इन नोटों को स्वीकार नहीं कर रहे हैं. चिकित्सक द्वारा जो दवाएं लिखी गई हैं, वह उनके शहर में मिलती नहीं हैं.

प्रधानमंत्री के संदेश में सरकारी अस्पतालों के मेडिकल स्टोर को 500-1000 रुपये के नोट लेने की छूट दी गई है, मगर यहां के मेडिकल स्टोर वाले इन नोटों को स्वीकार करने से मना कर रहे हैं. निजी चिकित्सालयों को यह छूट नहीं है, परिणामस्वरूप इन अस्पतालों में इलाज कराने वालों को तो परेशानी हो ही रही है.

इसी तरह का कुछ हाल पेट्रोल पंपों पर भी हैं, जहां ग्राहकों से पेटोल पंप कर्मी 500-1000 रुपये के नोट लेने को तैयार नहीं हैं. कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें 500-1000 रुपये के जो नोट दिए जा रहे हैं, वे उस पूरी राशि का ईंधन डाल रहे हैं, क्योंकि उनके पास कम मूल्य के रुपये हैं ही नहीं. श्योपुर जिले में तो एक स्थान पर पेट्रोल पंप पर मारपीट की भी खबर मिली है.

रेलवे स्टेशनों का भी बुरा हाल है, जहां 500-1000 रुपये के नोट देने पर यात्रियों को टिकट देने से मना किया जा रहा है. रेल कर्मियों का कहना है कि जो भी उन्हें ये नोट देंगे, उनको अपना सारा ब्यौरा व पहचान पत्र देना होगा. इसके अलावा उनके पास कम मूल्य के रुपये नहीं हैं, इसलिए वे शेष राशि नहीं लौटा सकते हैं.

भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन पहुंचीं महिला यात्री नेहा खरे ने संवाददाताओं को बताया कि वह टिकट लेने आई हैं, मगर 500 रुपये के नोट देने पर टिकट नहीं दिया जा रहा है. वहीं मथुरा से आए एक दंपति को जब 500 रुपये के नोट से टिकट नहीं मिला तो वे बिना टिकट ही ट्रेन पर चढ़ गए.

केंद्र सरकार के फैसले से सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगों को हो रही है, जिन्होंने मंगलवार की रात यात्राएं शुरू कीं और बुधवार को गंतव्य पर पहुंचे. उन्हें गंतव्य पर पहुंचने के बाद 500-1000 रुपये के नोटों के प्रचलन पर रोक का पता चला. उन्हें न तो चाय मिल रही है और न ही नाश्ता. इतना ही नहीं वे होटलों में भी नहीं ठहर पा रहे हैं.