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'मोर ब्रह्मचारी है' गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने की राय देने वाले जज की चौंकाने वाली सोच

जज शर्मा ने इस इंटरव्यू में यह भी कहा कि मोर हमारा राष्ट्रीय पक्षी इसलिए है क्योंकि यह आजीवन ब्रह्मचारी रहता है

FP Staff

राजस्थान हाई कोर्ट के जज महेश चंद्र शर्मा ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए बुधवार को सरकार से गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने का आग्रह किया है.

जज ने अपने फैसले में कहा है कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए. कोर्ट ने गोवंश की हत्या पर सजा को बढ़ाकर आजीवन कैद किए जाने की बात भी कही है.


राजस्थान कोर्ट ने ये बातें एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कही है. गाय की सुरक्षा को लेकर याचिका दाखिल की गई थी. जिस पर कोर्ट में सुनवाई चल रही थी.

क्या है जज साहब के अंतरात्मा की आवाज? 

फैसले के बाद सीएनएन-न्यूज18 से बात करते हुए जज ने कहा कि उन्होंने यह फैसला हिंदू धार्मिक ग्रंथों और अपनी अंतरात्मा की आवाज पर सुनाया है.

जज शर्मा ने इस इंटरव्यू में यह भी कहा कि मोर हमारा राष्ट्रीय पक्षी इसलिए है क्योंकि यह आजीवन ब्रह्मचारी रहता है. मोर-मोरनी आपस में सेक्स नहीं करते बल्कि मोरनी मोर के आंसू को पीकर गर्भवती होती है. जज ने यह भी कहा भगवान कृष्ण भी इसी वजह से मोरपंख को धारण करते थे.

गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के अपने फैसले के बारे में शर्मा ने कहा कि उन्होंने यह फैसला हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए दिया है. उन्होंने कहा कि नेपाल ने भी गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कर रखा है. उत्तराखंड हाई कोर्ट ने भी गंगा और यमुना नदी को जीवित व्यक्ति का दर्जा दिया था. इसी तरह का दर्जा गाय को भी देना चाहिए.

शर्मा का ये फैसला उनका आखिरी फैसला था. बुधवार को ही जज एमसी शर्मा रिटायर हो गए.