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बिहार में दहेज, बाल विवाह के खिलाफ बनी मानव श्रृंखला

बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ बनाई गई मानव श्रृंखला के अनुमानित 13,660 किलोमीटर लंबी होने और इसमें चार करोड़ लोगों के भाग लेने की संभावना जताई है

Bhasha

बिहार में दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए रविवार मानव श्रृंखला बनाई गई.

राज्यव्यापी और करीब 13,660 किलोमीटर लंबी संभावित यह मानव श्रृंखला में करीब दोपहर बनाई गई और इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी और राज्य के कई अन्य मंत्री पटना स्थित गांधी मैदान में हजारों लोगों के साथ शामिल हुए.


करीब 30 मिनट तक के लिए बनाई गई इस मानव श्रृंखला में भाग लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे स्वत: स्फूर्त बताया और कहा कि इसमें शामिल होने के लिए किसी पर कोई दबाव नहीं डाला गया था.

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से बाल विवाह पर प्रतिबंध है उसी प्रकार से दहेज लेना और देना भी गैर कानूनी है और पूर्व में संपन्न परिवारों में प्रचलित रही दहेज प्रथा बाद में धीरे-धीरे यह गरीब और आम लोगों के बीच भी फैल गई.

पिछले 2 अक्टूबर से चल रहा है अभियान

नीतीश ने कहा कि बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ लोगों के बीच जागृति पैदा करने और उनके संकल्प के प्रकटीकरण के लिए गत वर्ष 2 अक्तूबर बापू की जयंती के अवसर पर अभियान छेड़ रखा है और यह अभियान जारी रहेगा. बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ रविवार को बनाई गई मानव श्रृंखला की समाप्ति पर अंतिम तौर पर यह कितनी लंबी रही इसकी अब तक सरकारी स्तर पर पुष्टि नहीं हो पाई है. नीतीश ने इस मानव श्रृंखला को पिछले साल 21 जनवरी को शराबबंदी को लेकर लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए बनाई गई मानव श्रृंखला से करीब 3000 किलोमीटर लंबी होने की संभावना पाई और कहा कि पिछले साल तो केवल मुख्य सडकों पर मानव श्रृंखला बनाई गई थी, पर इस बार लोगों को गांवों और मुहल्लों में प्रोत्साहित किया गया था.

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी है कि प्रदेश सरकार आम जनों के लिए न केवल सडक, बिजली और पानी का इंतजाम कर रही है बल्कि हमारी सरकार शराबबंदी, बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ काम कर रही है.

उन्होंने बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ छेड़े गए इस अभियान के आगे भी जारी रहने की बात करते हुए संभावना जताई कि अगले दस सालों में इसमें काफी कमी आ जाएगी.

सुशील मोदी ने धर्म प्रचारकों से भी इसके लिए आगे आने की अपील करते हुए धार्मिक स्थलों से जुडे लोगों का दायित्व बनता है कि वे इस सामाजिक कुरीति के खिलाफ लोगों को जागरूक करें.

शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आर के महाजन ने बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ बनाई गई मानव श्रृंखला के अनुमानित 13,660 किलोमीटर लंबी होने और इसमें चार करोड़ लोगों के भाग लेने की संभावना जताई है.

बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एच के वर्मा ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए इसे भारी ठंड भरे मौसम में आयोजित किए जाने पर प्रश्न खड़ा करते हुए कहा कि जिला प्रशासन ने प्रदेश में भीषण ठंड के मददेनजर स्कूलों को बंद करवाया है और इतनी ठंड के बावजूद स्कूली बच्चों को भी इस मानव श्रृंखला में शामिल करवाया गया.

बिहार की राजधानी पटना सहित प्रदेश के अन्य भागों में दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ मानव श्रृंखला बनाए जाने की सूचनाएं प्राप्त हुई है.