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बिहार टॉपर्स घोटाला: ईडी ने दर्ज किया मनी लॉन्ड्रिंंग का केस

इस मामले में अब तक 21 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

Bhasha

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने साल 2016 में हुए राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड संबंधी बिहार टॉपर्स घोटाला मामले में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का एक मामला दर्ज किया है.

अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने बिहार स्कूल शिक्षा बोर्ड (बीएसईबी) के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह और चार प्रिंसिपल समेत कुल आठ लोगों के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज किया है.


ईडी सूत्रों के अनुसार लालकेश्वर के अलावा पत्नी ऊषा सिन्हा और पीए विकास चंद्रा और फरारी के दौरान लालकेश्वर व उनकी पत्नी को बनारस में शरण देने वाले प्रभात जायसवाल के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है. इन आरोपियों पर गलत तरीके से अवैध संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगा था.

केंद्रीय जांच एजेंसी ने अपनी प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के लिए बिहार पुलिस की प्राथमिकी और विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट का संज्ञान लिया. प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट पुलिस प्राथमिकी के समान होती है.

उन्होंने कहा कि एजेंसी आरोपियों द्वारा किए गए ‘‘अपराध से जुड़ी संभावित राशि’’ और उनके द्वारा कमाए गए कथित अवैध धन की जांच करेगी.

इस घोटाले ने पिछले साल जून में उस समय हंगामा मचा दिया था, जब आर्ट्स वर्ग में प्रथम आने वाली वैशाली जिले के विष्णु राय कॉलेज की छात्रा रूबी राय बुनियादी सवालों का भी उत्तर नहीं दे पाई थी. उसने ‘पॉलिटिकल साइंस’ को ‘प्रोडिगल साइंस’ बताया था और कहा था कि इस विषय में पाक कला संबंधी ज्ञान दिया जाता है.

इन अनियमितताओं से शर्मिंदा राज्य सरकार ने इस मामले की एसआईटी जांच के आदेश दिए थे.

इस मामले में अब तक 21 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

इस बात की संभावना है कि प्रवर्तन निदेशालय आरोपियों के बयान जल्द ही दर्ज करेगा और पीएमएलए कानून के तहत उनकी संपत्तियां कुर्क की जाएंगी.