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प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ में 55 फीसदी पुरुष नहीं बना पाते हैं बैलेंस: रिसर्च

नवजात बच्चे की मां को पर्याप्त छुट्टी मिले इसका पक्षधर हमारे समाज का एक बड़ा वर्ग है, लेकिन पिता की छुट्टी को लेकर अभी भी एक समान राय नहीं बन पाई है

FP Staff

साल 2017 में सरकार ने मैटरनिटी बिल पास की थी. बिल के अंतर्गत नौकरी करने वाली गर्भवती महिला को 26 हफ्ते की छुट्टी मिलने का प्रावधान है. उसी साल पैटरनिटी बेनेफिट बिल को लेकर भी चर्चा शुरू हुई थी, लेकिन फिर वह समय के साथ ठंडे बस्ते में चली गई.

वर्तमान में एक सरकारी कंपनी में काम करने वाला शख्स जो हाल ही में पिता बना है या बनने वाला है उसे ऑल इंडिया एंड सेन्ट्रल सिविल सर्विसेज नियम के अंतर्गत 15 दिन की छुट्टी मिल जाती है. वहीं एक प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले शख्स को केवल पांच दिन की छुट्टी ही नसीब है (औसतन).


नवजात बच्चे की मां को पर्याप्त छुट्टी मिले इसका पक्षधर हमारे समाज का एक बड़ा वर्ग है, लेकिन पिता की छुट्टी को लेकर अभी भी एक समान राय नहीं बन पाई है.

हाल ही में प्रोइव्स नाम के एक संस्थान द्वारा किए एक अध्ययन में यह बात सामने आई कि अपनी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ में बैलेंस को लेकर परेशान रहने वाले ज्यादातर मां-बाप में 55 प्रतिशत पुरुष यानी पिता हैं.

नए-नए मां बाप बने दंपति शुरुआत में अपना अधिक से अधिक समय अपने बच्चे के साथ गुजारना चाहते हैं. ऐसे समय में मां को तो छुट्टियां मिल जाती हैं, लेकिन पिता इस दौरान ऑफिस के कामों में उलझा हुआ इस इमोशनल कशमकश से गुजरता रहता है कि वो अपने बच्चे के साथ समय नहीं गुजार पा रहा.

80 % से ज्यादा माएं चाहती हैं कि बच्चे को पालने में उनके पति भी उनका बढ़ चढ़कर सहयोग करें

इसी संदर्भ में कुछ कंपनियों ने फैमिली फ्रेंडली पॉलिसी अपनाई है. जिन्होंने मां और पिता दोनों को केंद्र में रखकर इन पॉलिसीज को बनाया है.

इन्हीं कंपनियों में से एक है ड्यूशे बैंक. ड्यूशे बैंक अपने कर्मचारियों को हर दो महीने के अंतराल पर हाफ डे की छुट्टी लेने का विकल्प देता है. कंपनी द्वारा दी जा रही इस हाफ डे की छुट्टी की डिमांड कर्मचारियों के बीच में बहुत अधिक है. खासकर पुरुष कर्मचारियों के बीच.

इसका कारण ये हो सकता है कि अभी के दौर में महिलाएं भी काम करने लगी हैं. ऐसे में घर संभालने और परिवार को चलाने की जिम्मेदारी पुरुष-महिला दोनों के कंधे पर आ गई है.पुरुष भी इस जिम्मेदारी की गंभीरता को समझने लगे हैं और अपनी पत्नियों का ज्यादा से ज्यादा सहयोग करना चाहते हैं.

ProEves की तरफ से बताया गया है कि 80 प्रतिशत से ज्यादा माएं यह चाहती हैं कि बच्चे को पालने में उनके पति भी उनका बढ़ चढ़कर सहयोग करें.

ऐसे में जो कंपनियां पैरेंटिंग को मद्देनजर रख कर अपने कर्मचारियों को छुट्टी देती हैं, उनका मानना है कि इन छुट्टियों का फायदा उठाने वाले कर्मचारी कंपनी को अपना बेस्ट परफार्मेंस देते हैं. वो पूरे मन से काम करते हैं और बेस्ट रिजल्ट देने की पूरी कोशिश करते हैं.

ProEves, जो विभिन्न कंपनियों के कामकाजी माता-पिता को चाइल्ड केयर सेवाएं भी प्रदान करता है, यह जानकर आश्चर्यचकित हुआ कि 55 प्रतिशत माता-पिता जो अपने प्रश्नों को लेकर उनके पास पहुंचे थे, उनमें पुरुष सबसे अधिक थे. पत्नियों की जिम्मेदारियों के साथ अपनी पत्नियों का समर्थन कैसे करें और दूसरा, किन तरीकों के माध्यम से काम से पहले और बाद में बच्चों के साथ समय बिता सकें.