इंडियन रेलवे ने मिडिल और लोअर बर्थ के यात्रियों के बीच सोने को लेकर होने झगड़ों को खत्म करने के लिए एक सर्कुलर जारी किया है.
रेलवे बोर्ड द्वारा जारी इस सर्कुलर के मुताबिक अब यात्री अपने आरक्षित सीटों पर रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ही सो सकते हैं, इसके बाद उन्हें अन्य सहयात्रियों को सीट पर बैठने देना होगा.
31 अगस्त को जारी इस सर्कुलर में कहा गया कि स्लिपर क्लास में सोने के लिए 22.00 बजे (रात 10 बजे) से 6.00 बजे तक ही सीट आरक्षित है और शेष समय बैठने के लिए. इस सर्कुलर में कुछ खास यात्रियों को इस समय सीमा से छूट दी गई है.
इस सर्कुलर में यात्रियों से यह आग्रह किया गया है कि बीमार, दिव्यांग और गर्भवती महिला यात्री अगर इस समय सीमा से अधिक सोना चाहें तो इनके साथ सहयोग किया जाए.
1 घंटा कम हुआ सोने का समय
इससे पहले पुराने नियम के अनुसार रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक ही सो सकते थे.
रेल मंत्रालय के प्रवक्ता अनिल सक्सेना ने कहा कि सोने को लेकर पहले से ही रेलवे ने नियम बना रखे थे. लेकिन यात्रियों के बीच सोने को लेकर होने वाले झगड़ों पर अफसरों से मिले फीडबैक के आधार पर हमने फिर से यह नियम फिर से जारी किए हैं.
रिजर्व कोचों में अक्सर लोअर और मिडिल बर्थ पर सोने को लेकर झगड़े होते हैं. दरअसल लोअर बर्थ सभी के लिए बैठने के लिए भी आरक्षित होता है. इस वजह से जिनका लोअर बर्थ या मिडिल बर्थ आरक्षित होता है उन्हें अन्य यात्रियों के सोने के लिए जाने का इंतजार करना पड़ता है.