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पडसलगीकर के खुलासे से सामने आया था 26/11 में पाकिस्तान का हाथ

आज यानी 26 नवंबर को मुंबई में हुए आतंकी हमले को दस साल पूरे हो गए हैं. इस हमले में 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी

FP Staff

महाराष्ट्र पुलिस प्रमुख दत्ता पडसलगिकर मुंबई पुलिस के ऐसे पहले शख्स थे जिन्होंने मुंबई पुलिस को अलर्ट किया कि 26/11 हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ है. 26/11 हमले के दौरान पडसलगिकर केंद्रीय खुफिया एजेंसी में थे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी.

मुंबई आतंकवादी हमले के मुख्य जांच अधिकारी रमेश महाले द्वारा लिखी किताब के विमोचन पर संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) देवेन भारतीय ने कहा कि पडसलगिकर के खुलासे से पहले पुलिस अंधेरे में टटोल रही थी.


भारती ने कहा, ‘शुरू में हमने सोचा कि यह किसी गिरोह का हमला है. लेकिन बाद में पडसलगिकर से हमें एक फोन आया. उस वक्त वह केंद्रीय खुफिया एजेंसी में थे. उन्होंने हमें बताया कि यह पाकिस्तान की तरफ से किया गया आतंकवादी हमला है.’

'इससे पहले अंधेरे में तीर मार रहे थे'

वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने कहा, ‘हमलोग हमलावरों के बारे में बगैर किसी सूचना के जैसे अंधेरे में तीर मार रहे थे.’

पडसलगिकर ने मराठी किताब ‘26/11 - कसाब आणि मी’ का विमोचन किया और 26/11 आतंकवादी हमले में उनकी जांच के लिए महाले की प्रशंसा की.

10 साल पहले हुआ था हमला

आज यानी 26 नवंबर को मुंबई में हुए आतंकी हमले को दस साल पूरे हो गए हैं. इस हमले में 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. तीन दिनों तक आतंकियों के साथ मुठभेड़ चलने के बाद 29 नवंबर को ऑपरेशन खत्म हो गया था. इस हमले में एक आतंकी जिंदा पकड़ा गया था, जिसका नाम मोहम्मद अजमल कसाब था. मुंबई हमले के इकलौता जिंदा पकड़े गए आतंकवादी अजमल कसाब को फांसी देने के लिए मुंबई से पुणे ले जाने का अभियान अति गोपनीय था. इस दौरान सभी सुरक्षा कर्मियों के मोबाइल ले लिए गए थे. साथ ही कोड वर्ड भी इस्तेमाल किए गए थे. जैसे- पार्सल रिच्ड फॉक्स्ड.

(भाषा से इनपुट)