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पाकिस्तान से चीन तक बस सेवा लॉन्च, भारत के विरोध को पूरी तरह किया खारिज

सीपीईसी परियोजना के तहत पीओके होते हुए पाकिस्तान और चीन के बीच प्रस्तावित बस सेवा लॉन्च कर दी गई है

FP Staff

पाकिस्तान ने महत्त्वाकांक्षी सीपीईसी परियोजना के तहत पीओके होते हुए पाकिस्तान और चीन के बीच प्रस्तावित बस सेवा के खिलाफ भारत के विरोध को खारिज कर दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 6 नवंबर को ये बस सेवा लॉन्च कर दी गई. बस सेवा की शुरुआत सोमवार रात को हुई. पाकिस्तान टूरिज्म डेवलप्मेंट कॉर्पोरेशन (PTDC) और शूजा एकस्प्रेस ने लाहौर से चीन के शिनजियांग तक की बसे सेवा की शुरुआत की है.

कितना होगा किराया


पाकिस्तान से चीन तक पहुंचने में ये बस 36 घंटों का समय लेगी. चीन की सीमा में प्रवेश से पहले बस पांच स्टॉप पर रुकेगी. इसमें सफर करने के लिए यात्रियों के वैध वीजा और आईडी कार्ड भी दिखाना होगा. साथ ही इसमें एक तरफ की यात्रा के लिए 13,000 और राउंड ट्रिप के लिए करीब 23,000 रुपए देने होंगे.

भारत ने किया था विरोध

इससे पहले भारत ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना के तहत पीओके होते हुए दो देशों के बीच प्रस्तावित बस सेवा को लेकर चीन और पाकिस्तान के समक्ष अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया था. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा था कि बस सेवा भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन होगी.

क्या कहा चीन और पाकिस्तान ने

हालांकि चीन और पाकिस्तान दोनों ने ही भारत का विरोध खारिज कर दिया. जहां पाकिस्तान के विदेश कार्यालय (एफओ) ने कहा था कि हम चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) के जरिए बस सेवा के संबंध में भारतीय विदेश मंत्रालय (एमईए) के कथित विरोध को खारिज करते हैं. वहीं चीन ने पीओके होते हुए पाक के साथ प्रस्तावित बस सेवा का बचाव करते हुए कहा कि इस्लामाबाद के साथ उसके सहयोग का क्षेत्रीय विवाद से कोई लेना देना नहीं है और कश्मीर मुद्दे पर हमारे सैद्धांतिक रुख में कोई बदलाव नहीं होगा.

भारत के विरोध के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा था कि उन्हें भारत के राजनयिक विरोध के बारे में जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा था, 'लेकिन कश्मीर के मुद्दे पर, चीन की स्थिति स्पष्ट है. हमने इसे कई बार स्पष्ट किया है.'

(एजेंसी से इनपुट)