view all

पद्मावत विवाद: 'इतिहास' से छेड़छाड़ को लेकर 'भविष्य' पर हमला क्या जायज है?

सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर हो रहा जिसमें बच्चे टूटी हुई बस में रोते बिलखते नजर आ रहे हैं

Aditi Sharma

शायद ये किसी ने नहीं सोचा होगा कि पद्मावत पर करणी सेना का विरोध इतना विकराल रूप ले लेगा कि छोटे मासूम बच्चे भी इसकी चपेट में आ जाएंगे. पिछले साल से शुरू हुआ ये विरोध अब अपने चरम पहुंच चुका है. जगह-जगह तोड़ फोड़ और नाकाबंदी कर ये लोग रानी पद्मिनी की इज्जत बचाने की कोशिश कर रहे हैं.

वो रानी जिसके होने पर भी लोग सवाल उठा रहे हैं. इस पूरी हिसा में आम लोगों का नुकसान तो हुआ ही पर अब बात बच्चों पर बन आई है. करणी सेना और प्रदर्शनकारियों ने स्कूलों को अपना निशाना बानाना शुरू कर दिया है. सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर हो रहा जिसमें बच्चे शीशे टूटी हुई बस में रोते बिलखते नजर आ रहे है. उनके साथ मौजूद टीचर्स उन्हें गले लगाकर शांत करने की कोशिश कर रहे हैं.


ये बच्चे गुरुग्राम के जीडी गोयंका स्कूल के थे, जो छुट्टी होने के बाद वापस घर लौट रहे थे. अचानक प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने आकर इस बस पर डंडे चलाने शुरू कर दिए. जब ड्राइवर ने बस नहीं रोकी तो उन्होंने पत्थरबाजी शुरू कर दी. इससे सारे बच्चे सीट के नीचे बैठ गए और डर के मारे रोने लगे. इन सब में हैरान करने वाला बयान करणी सेना के चीफ का सामने आया है. उनका कहना है कि जो हो रहा है वो गलत है पर हम इसमें कुछ कर नही सकते. करणी सेना पद्मावत का विरोध करके इतिहास को बचाने की कोशिश कर रही है, लेकिन इस कोशिश में आने वाले भविष्य पर हमला करना क्या जायज है?

ये बच्चों पर होने वाला कोई पहला हादसा नहीं था, इससे पहले भी एक स्कूल बस को जलाने की खबर सामने आई थी. उधर कुछ दिनों पहले एक बच्चे के घूमर गाने पर डांस करने से भीड़ ने स्कूल में ही तोड़ फोड़ शुरू कर दी थी. इस भीड़ में छुपे लोग हैं कौन. क्या ये भीड़ और इसका गुस्सा इतना बड़ा हो चुका है कि पूरे देश पर भारी पड़ रहा है. सबको इस वक्त यह विरोध और इससे होने वाली तबाही नजर आ रही है लेकिन सब आरोप प्रत्यारोप में फंसे हुए हैं. करणी सेना खुलेआम धमकी दे रही है कि ये विरोध नहीं रुकेगा, तोड़ फोड़ जारी रहेगा. तो क्या वजह है की खुली धमकी के बाद भी प्रशासन इसको रोकने में कामयाब नहीं हो पा रहा है.

उधर इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कोई भी वजह इतनी बड़ी नहीं हो सकती कि बच्चों पर हुए हमलों को जायज ठहराया जा सके. उन्होंने कहा कि हिंसा और नफरत कमजोरों का हथियार है और बीजेपी जिस तरह इस हथियार का इस्तेमाल कर रही है उसमें पूरा देश जल रहा है.

सोशल मीडिया पर भी लोग इश हादसे का जमकर विरोध कर रहे है.

ऐसे में सरकार को जल्द से जल्द कोई ठोस कदम उठाना पड़ेगा नहीं तो हर जगह बस हंगामा ही हंगामा होगा.