राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (National Statistical Commission-NSC) के दो सदस्यों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि ‘जब तक कि इसका दोबारा जन्म ना हो जाए, इस संस्था की आत्मा को शांति मिले.' उन्होंने कहा कि सरकार की बदनीयत के चलते 29 जनवरी, 2019 को एक और सम्मानित संस्थान खत्म हो गया.
पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, 'हम राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग की मौत का शोक मनाते हैं. साफ-सुथरे जीडीपी डेटा और रोजगार डेटा को रिलीज करने के लिए इसकी साहसिक लड़ाई को आभार के साथ याद करते हैं.' उन्होंने कहा, 'इस आयोग की आत्मा को शांति मिले, जब तक कि इसका दोबारा जन्म ना हो जाए.'
नेशनल स्टैटिस्टिकल कमीशन के के दो स्वतंत्र सदस्यों पीसी मोहनन और जेवी मीनाक्षी ने इस्तीफा दे दिया है. मोहनन आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष भी थे. नेशनल सैम्पल सर्वे ऑर्गनाइजेशन (NSSO) की तरफ से बनाई गई रोजगारी और बेरोजगारी पर आधारित रिपोर्ट के तैयार होने के बाद भी सरकार ने इसे जारी नहीं किया है. कहा जा रहा है कि इसी के विरोध दोनों ने इस्तीफा दिया है. दोनों का कार्यकाल 2020 में खत्म हो रहा था.
मोदी सरकार में एनएसएसओ की यह पहली रिपोर्ट है जिसमें नोटबंदी के बाद देश में रोजगार की कमी और नोटबंदी के कारण लोगों की नौकरी जाने का जिक्र है. एनएससी 2006 में गठित एक ऑटोनोमस बॉडी है. यह देश की स्टैटिस्टिकल सिस्टम के कामकाज की निगरानी और समीक्षा करने का काम करता है.
(इनपुट भाषा से)