बजट 2018 पेश होने के बाद पूर्व वित्त मंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने सरकार और वित्त मंत्री पर जमकर निशाना साधा.
चिदंबरम ने कहा, सरकार बिना किसी अइडिया के चल रही है तभी बजट में एक्सपोर्ट बढ़ाने वाले किसी कदम की चर्चा नहीं हुई. आयात पर अंकुश लगाने के लिए इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाने की बात की गई है. दावोस में प्रधानमंत्री ने जिन कदमों की चर्चा की, उसे बजट में इतनी जल्दी भुला दिया गया.
चिदंबरम ने कहा, कृषि क्षेत्र में अड़चनें यूं ही जारी रहेंगी. मेडिकल हेल्थकेयर बहुत बड़ा जुमला साबित होगा. निजी निवेश को बढ़ाने के लिए बजट में कुछ भी नहीं कहा गया. सामान्य करदाताओं के लिए कोई छूट नहीं दी गई. चिदंबरम ने आगे वित्त मंत्री से तंज कसते हुए पूछा, क्या वित्त मंत्री इस मामले को लेकर गंभीर हैं?
इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि सरकार धीरे-धीरे, कदम दर कदम अतिरिक्त पैसा मध्यम वर्ग के करदाताओं के हाथ में सौंपती जा रही है.
क्या कहा पीएम, गृह मंत्री ने
बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, यह भारत में विकास को गति देने के लिए एक बजट है व्यापार करने में आसानी और रहने की आसानी पर एक साथ ध्यान केंद्रित किया गया है.
दूसरी ओर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा 'यह एक शानदार बजट है, गरीब, किसानों और आदिवासियों के लिए बहुत सारी घोषणाएं की गई हैं. यह बजट भारत को वैश्विक आर्थिक शक्ति देगा.'