भूमि अधिग्रहण कानून 2013 में संशोधन के विरोध में विपक्षी पार्टियों ने आज यानी गुरुवार को झारखंड बंद बुलाया है. बंद का राजधानी रांची, जमशेदपुर, धनबाद, गिरिडीह, बोकारो, रामगढ़, चतरा, पाकुड़ सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में असर देखा जा रहा है. यहां के सभी मुख्य मार्गों और रेलवे स्टेशन पर बंद समर्थक डटे हुए हैं.
बंद के दौरान कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं सड़कों पर उतरकर जगह-जगह टायर जलाकर जाम कर रहे हैं. वो राज्य की रघुबर दास सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. रांची में बंद समर्थकों ने ट्रैक पर आकर कई ट्रेनों को रोक दिया. उन्होंने राजधानी एक्सप्रेस को भी बलपूर्वक रोकने की प्रयास किया. हालांकि सुरक्षाबलों और पुलिस ने उन्हें पटरी से हटा दिया.
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के 12 घंटे के बुलाए गए इस बंद को कांग्रेस, जेवीएम, आरजेडी और वाम दलों का समर्थन हासिल है.
बंद को देखते हुए प्रशासन ने कमर कस रखी है. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से कई विपक्षी नेताओं और बंद समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है.
वहीं बीजेपी ने बंद को लेकर विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि वो निगेटिव पॉलिटिक्स कर रहे हैं.
इससे पहले बुधवार को राज्य के गृह सचिव एसकेजी रहाटे और डीजीपी डी के पांडेय ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर कहा था कि बंद के दौरान हिंसा या तोड़फोड़ करने वालों पर फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाया जाएगा.
उन्होंने बताया कि बंद को देखते हुए 5 हजार से ज्यादा सुरक्षाबलों को लगाया गया है. उन्होंने कहा कि पुलिस के अलावा रैप की दो कंपनियां, स्टेट रैपिड एक्शन फोर्स की 6 कंपनियां और होमगार्ड के 31 सौ से अधिक जवानों के साथ-साथ टीयर गैस राइट कंट्रोल यूनिट की भी तैनाती रहेगी. बंद के दौरान सीसीटीवी और ड्रोन कैमरे से भी नजर रखी जाएगी.