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सुप्रीम कोर्ट के 28 न्यायाधीशों में केवल एक महिला न्यायाधीश

नई नियुक्तियों के बाद सुप्रीम कोर्ट में जजों की कुल संख्या बढ़कर 28 हो गयी है

Bhasha

सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को पांच नये जजों को शपथ दिलाई गई. लेकिन इनमें से एक भी महिला जज नहीं हैं.

नई नियुक्तियों के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में जजों की कुल संख्या बढ़कर 28 हो गयी है जहां स्वीकृत पद 31 हैं. उच्चतम न्यायालय में केवल एक महिला न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर भानुमति हैं.


सूत्रों के मुताबिक दो हाईकोर्ट की जो महिला चीफ जस्टिस थीं, उन्हें सुप्रीम कोर्ट  के पांच सबसे सीनियर जजों के साथ जगह नहीं मिली है.

वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा कि यह समझना बहुत मुश्किल है कि दो हाईकोर्ट की महिला चीफ जस्टिस के नामों पर विचार क्यों नहीं किया गया.

उन्होंने कहा, ‘मुझे समझ नहीं आया कि सारे पुरुषों को क्यों लिया गया है. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश पद के लिए किसी महिला जज को उपयुक्त क्यों नहीं पाया गया. इस बारे में कहीं से कोई स्पष्टीकरण नहीं आया चाहे सुप्रीम कोर्ट हो, सरकार हो या राष्ट्रपति हों’.

कुछ महिला वकीलों ने भी इस मुद्दे पर चिंता प्रकट की लेकिन ऑन रिकार्ड बयान देने से इनकार करते हुए कहा कि ‘हर बार यही हो रहा है’.

अब सुप्रीम कोर्ट में केवल न्यायमूर्ति आर भानुमति ही मौजूदा महिला जज हैं जिन्हें अगस्त 2014 में नियुक्त किया गया था.

आजादी के बाद से सुप्रीम कोर्ट में केवल 6 महिला जजों को जगह मिली है और पहली नियुक्ति 1989 में न्यायमूर्ति एम फातिमा बीवी की थी. यह भी 1950 में सुप्रीम कोर्ट के गठन के 39 साल बाद की गयी थी.

न्यायमूर्ति फातिमा बीवी को केरल हाईकोर्ट की जज के तौर पर उनकी रिटायरमेंट के बाद सर्वोच्च अदालत में प्रमोट किया गया था. 29 अप्रैल, 1992 तक सुप्रीम कोर्ट में सेवाएं देने के बाद उन्हें बाद में तमिलनाडु का राज्यपाल बना दिया गया था.