view all

RSS महासम्मेलन: भारत की विविधता का करें सम्मान- भागवत

मोहन भागवत ने कहा कि संघ अपनी ताकत का इस्तेमाल दूसरों को डराने और धमकाने के लिए नहीं करता है. संघ अपनी ऊर्जा और शक्ति समाजसेवा के कामों में लगाता है

FP Staff

असम के गुवाहाटी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक (आरएसएस) का आज यानी रविवार को महासम्मेलन हो रहा है. आरएसएस की पूर्वोत्तर में बुलाई गई इस सबसे बड़े सम्मेलन को सर संघचालक मोहन भागवत ने संबोधित किया.

देश की विविधता को स्वीकार करें और उसका सम्मान करें


उन्होंने आरएसएस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत विविधताओं वाला देश है. इसलिए सबको देश की इस विविधता का सम्मान करना चाहिए. मोहन भागवत ने अपने भाषण के दौरान सुजला सुफला मलयज शीतला का नारा दोहराते हुए कहा कि हमारे देश की धरती प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है. इससे हमारी सोच का दायरा बढ़ा है और हम बांहें फैलाकर अपने यहां बाहरी लोगों का स्वागत करते हैं.

दूसरों को डराने-धमकाने में यकीन नहीं रखता संघ

मोहन भागवत ने कहा कि संघ अपनी ताकत का इस्तेमाल दूसरों को डराने और धमकाने के लिए नहीं करता है. संघ अपनी ऊर्जा और शक्ति समाजसेवा के कामों में लगाता है. आरएसएस प्रमुख ने माताओं और बहनों से अपने बच्चों को संघ की शाखाओं में भेजने की अपील की. उन्होंने कहा कि इससे उन्हें संघ की विचारधारा को जानने और समझने का अवसर मिलेगा.

भारत की ओर आशा भरी निगाह से देख रहा है विश्व

मोहन भागवत ने कहा कि विश्व शांति के लिए दुनिया आज भारत की ओर देख रही है. आरएसएस का मकसद भारत को उसके पैरों पर खड़ा करने की है. इसमें कोई स्वार्थ नहीं छुपा है बल्कि आज इसकी जरूरत है. उन्होंने कहा कि पिछले 2 हजार साल से मानवता और विश्व शांति के लिए कोशिशें की जाती रही हैं लेकिन कामयाबी नहीं मिली. इस स्थिति में भारत की यह जिम्मेदारी बनती है कि वो विश्व को शांति पथ पर आगे ले जाए.

भारत से अपनी दुश्मनी नहीं भूलता पाकिस्तान

भागवत ने अपने भाषण में पड़ोसी देश पाकिस्तान का जिक्र करते हुए कहा कि विभाजन के बाद से पाकिस्तान भारत को अपना दुश्मन मानता आया है. भारत के मन में पाकिस्तान के प्रति ऐसी कोई भावना नहीं है लेकिन पाकिस्तान भारत के प्रति दुश्मनी का भाव बरकरार रखे हुए है.