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आर्मी अफसरों की पोल खोल:  जवान ने वीडियो पोस्ट करके कहा, 'गुलामों की तरह रखते हैं अफसर'

छुट्टी खत्म होने पर भी ड्यूटी ज्वाइन न करने पर उनकी 7 दिन की सैलरी काटी गई

FP Staff

लांस नायक रॉय मैथ्यू की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के कुछ दिन बाद ही एक अन्य जवान ने सोशल मीडिया पर शिकायती वीडियो पोस्ट किया है.

जवान का आरोप है कि दो दिन ज्यादा छुट्टी लेने पर उन्हें जबरदस्ती 'सहायक' के तौर पर काम करवाया गया. वीडियो पोस्ट करने वाले शख्स ने अपना नाम सिंधव जोगीदास बताया है. उनका आरोप है कि सेना के अफसर, जवानों के साथ गुलामों जैसा व्यवहार करते हैं.


दो दिन ज्यादा छुट्टी लेने पर लगाई 'सहायक' ड्यूटी

वीडियो में उन्होंने सीनियर अफसरों पर आरोप लगाते हुए कहा 'शिकायत करने पर मुझे सजा दी गई.

सेना इकलौती ऐसी जगह है, जहां जवानों को अफसरों की गुलामी करने पर मजबूर किया जाता है.

मुझे यकीन है कि सेना मेरी शिकायतों को नहीं सुनेगी. मैं इसके बारे में सोशल मीडिया पर बात नहीं करना चाहता था, लेकिन मेरे पास इसके अलावा कोई रास्ता नहीं था."

शिकायत का नहीं मिला कोई जवाब

जोगीदास का आरोप है कि सेना के वॉट्सएप नंबर पर शिकायत करने पर भी कोई जवाब नहीं मिला. उन्होंने पीएमओ और डिफेंस मिनिस्ट्री में भी इसके खिलाफ लेटर लिखा. लेकिन इसके बाद उनके खिलाफ 'कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी' शुरू कर दी गई

जोगीदास ने सीएनएन न्यूज 18 को बताया, 'सहायक जॉब करने से मना करने पर अफसरों ने मुझे परेशान किया और 7 दिन की आर्मी कस्टडी में रखा. आर्मी के अफसर सैनिकों को गुलाम की तरह रखते हैं.'

उनका कहना है कि चूंकि सेना में ज्यादातर ड्यूटी मौखिक आदेश से लगाई जाती हैं, इसलिए सहायकों का कोई ऑफिशियल रिकॉर्ड नहीं है. इस मामले पर आर्मी की तरफ से अब तक कोई ऑफिशियल स्टेटमेंट नहीं आया है.

ज्यादा छुट्टी लेने पर काट ली थी 7 दिन की सैलरी

सूत्रों के मुताबिक, जोगीदास ने 2014 में आर्मी ज्वाइन की थी. वे सिपाही हाउस कीपर के तौर पर तैनात थे. 2015 में छुट्टी खत्म होने पर भी ड्यूटी ज्वाइन न करने पर उनकी 7 दिन की सैलरी काटी गई.

इसके बाद वे नौकरी छोड़ना चाहते थे, लेकिन केस शुरू होने पर उन्हे फाइनल काउंसलिंग तक रुकने की सलाह दी गई. हालांकि, इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ने का ख्यान मन से निकाल दिया और पहाड़ी क्षेत्र में ड्यूटी ज्वाइन की.