दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में लंबी मुठभेड़ में सेना का एक जवान शहीद हो गया. दोनों ओर से हुई गोलीबारी की चपेट में आने से चार आम नागरिकों की भी मौत हो गई है. इसके बाद अभियान रोक दिया गया जिससे तीन आतंकवादी मौका देखकर भाग निकले.
सेना, पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने मंगलवार रात को शुरू हुए अभियान को दिन में रोक दिया क्योंकि मुठभेड़ स्थल पर लोगों का जमावड़ा लगने लगा.
दो वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं जिसमें आतंकवादियों को भगाने में मदद करते और बाद में जश्न मनाते लोग कथित रूप से दिख रहे हैं. इनमें आतंकवादी मोटरसाइकिलों पर फरार होते हुए दिखाई दे रहे हैं.
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से संबद्ध तीन स्थानीय आतंकवादियों के खुदवानी इलाके में एक घर में होने की पुख्ता खुफिया जानकारी मिली जिसके बाद मगलवार रात 10 बजे इलाके की घेराबंदी की गई.
सेना का जवान हुआ शहीद
सुरक्षाबलों को शुरू में तब झटका लगा जब जवान सप्पर सदा गुनकारा राव (24) जख्मी हो गए और उन्हें यहां सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया. राव का ताल्लुक आंध्र प्रदेश से था और उन्होंने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
उन्होंने कहा कि इस बीच, उस घर के बाहर गोलीबारी जारी थी जहां आतंकवादियों को घेरा गया था और गोलियां हर दिशा में जा रही थीं. यह घर झेलम नदी के किनारे पर स्थित था और स्थानीय लोग नदी के दूसरी तरफ जमा होने लगे.
अधिकारियों ने बताया कि तमाशबीनों से बार-बार इलाके से हटने की गुजारिश की गई क्योंकि वे गोलीबारी की जद में आने वाले इलाके में थे. चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया गया और चार लोगों की मौत हो गई.
तीन मृतकों की पहचान हुई है जिनके नाम सरजील अहमद (25), फैसल इलाही (14) और बिलाल अहमद तंत्रे (16) हैं. चौथे व्यक्ति की शिनाख्त की कोशिश की जा रही है.
दोनों तरफ से हुई गोलीबारी में गई नागरिकों की जान
पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि मुठभेड़ में दोनों ओर से हुई गोलीबारी में चार आम लोग जख्मी हो गए, उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
बहरहाल, कुलगाम में कुछ लोगों ने आरोप लगाया है कि मुठभेड़ स्थल की ओर बढ़ रही भीड़ पर सुरक्षाबलों की गोलीबारी से चारों की मौत हुई है.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दोनों ओर से हुई गोलीबारी में आम लोगों की मौत के बाद अभियान को कुछ वक्त के लिए रोका गया ताकि पुलिस और सीआरपीएफ नदी के पार जमा हुई भीड़ को तितर-बितर कर सकें.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि तीन आतंकवादी बच निकलने में कामयाब रहे और यह घर का मलबा साफ करने के बाद स्पष्ट हो गया. उनमें से एक आतंकवादी गंभीर रूप से जख्मी है.
उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं जिसमें 24 लोग जख्मी हो गए. अधिकतर घायलों को घर भेज दिया गया है जबकि करीब सात घायल अब भी अस्पताल में हैं और उनकी स्थिति स्थिर है.
नागरिकों की मौत के बाद कई जगह हुए प्रदर्शन
आम नागरिकों की मौत की खबर फैलते ही बारामूला, बांदीपुरा और सोपोर शहरों समेत उत्तर कश्मीर के कई इलाकों में प्रदर्शन होने लगे. प्रदर्शनकारियों के पथराव में बारामूला के एसएचओ समेत कई सुरक्षा कर्मी जख्मी हो गए.
मुख्य विपक्षी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने ट्वीट किया कि यह मुठभेड़ भारी पड़ी क्योंकि इसमें आम लोगों और सेना के कर्मी की मौत हुई है.
जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की. वह घाटी में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करने के लिए श्रीनगर रवाना हुईं.
अपना दुख जताते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर को हिंसा के दुष्चक्र से बाहर निकलने के लिए तत्काल एक साथ आने की जरूरत है.
इस बीच, ज्वांइट रेजिस्टेंस लीडरशीप (जेआरएल) ने आम लोगों की मौत पर हड़ताल का आह्ववान किया है.