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ट्रेन के हर कोच से हटाया जाएगा एक-एक टॉयलेट

सभी डब्बों से एक-एक टॉयलेट भी हटाए जाएंगे और उसके स्थान पर खाना और बेडरोल रखने की जगह बनाई जाएगी.

FP Staff

भारतीय रेल ने ट्रेनों की करीब 40 हजार बोगियों से एक-एक टॉयलेट हटाने का फैसला किया है. अब तक एक कोच में चार टॉयलेट होते हैं जो अब घटकर सिर्फ तीन रह जाएंगे. इसके साथ ही इन सारे कोचों को रीडिजाइन किया जाएगा.

दरअसल ट्रेन में खाने की प्लेट और कैरेट्स को रखने के लिए कोई जगह नहीं होती है और मुसाफिरों को दिए जाने वाले खाने को टॉयलेट के दरवाजे के पास रखना पड़ता है जो कि स्वास्थ्य और सफाई की दृष्टि से सही नहीं होता है. इस वजह से भी यह निर्णय लिया गया है.


पिछले दिनों भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक ने भी अपनी रिपोर्ट में इसे सेहत और स्वच्छता के लिहाज से गलत बताया था. रेलवे की योजना के मुताबिक हर कोच से एक-एक टॉयलेट हटाकर वहां कैटरिंग से जुड़े सामान को रखने के लिए जगह बनाई जाएगी.

भारतीय रेल ने 13 जून को मिशन रेट्रो फिटमेंट शुरू किया है. इसके तहत रेलवे के पुराने आईसीएफ डिजाइन के डब्बों को आधुनिक और सुरक्षित बनाया जा रहा है. रेलवे में फिलहाल इस तरह की करीब 40 हजार बोगियों को नए डिजाइन वाले बोगियों से रिप्लेस किया जाएगा. इस साल करीब 3 हजार नए डिजाइन वाले बोगियों को लाए जाने की योजना है.

सूत्रों के मुताबिक इसी कड़ी में सभी डब्बों से एक-एक टॉयलेट भी हटाए जाएंगे और उसके स्थान पर खाना और बेडरोल रखने की जगह बनाई जाएगी. डिजाइनिंग में मदद के लिए स्पेन और चीन से एक्सपर्ट आ रहे हैं. इसके साथ ही कपलिंग वाले कोचों को हटाया जाएगा. सुरक्षा के एहतियाती कदम के तौर पर ये फैसला लिया गया है.

भारतीय रेल में जर्मन डिजाइन के करीब 5 हजार एलएचबी कोच का भी इस्तेमाल होता है. नए डिजाइन की वजह से इसमें खानपान की सामग्री रखने की जगह मौजूद होती है. इसलिए ऐसे डब्बों में 4 टॉयलेट मौजूद रहेंगे. रेलवे ने भविष्य में केलवे एलएचबी डिजाइन के कोच बनाने का फैसला किया है.

पहले रेलवे के रिजर्व क्लास की बोगियों में दो टॉयलेट हुआ करते थे. फिर 1970 के दशक में तत्कालीन यात्री सेवा समिति के सुझाव के आधार पर ट्रेनों के हर कोच में 4 टॉयलेट बनाए गए थे.