ओला-ऊबर के ड्राइवरों की हड़ताल के कारण दिल्ली में सोमवार सुबह भी लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ी है.
बड़ी संख्या में कैब्स के सड़कों पर न उतरने से दिल्ली-एनसीआर आने-जाने वालों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. मेट्रो और बसों में काफी भीड़ देखने को मिल रही है. ओबा और ऊबर के ड्राइवरों के प्रदर्शन का यह चौथा दिन है. खबरों के मुताबिक करीब डेढ़ लाख ऐप-बेस्ड टैक्सियां सड़कों से गायब हैं. प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि दूसरे कमर्शियल टैक्सी या ऑटो को भी दिल्ली में नहीं चलने देंगे.
हड़ताल के कारण लोगों को कैब नहीं मिल रही है. अगर कैब मिल भी रही है तो सर्ज प्राइसिंग के कारण काफी किराया देना पड़ रहा है. लोगों का यह भी कहना है कि बुकिंग होने के बाद भी टैक्सी आने में काफी लंबा वक्त लग रहा है. वहीं, गाड़ियां चला रहे कुछ ड्राइवर्स का कहना है कि यूनियन के लोग तोड़फोड़ कर रहे हैं और गाड़ियां पकड़ कर बंद कर रहे हैं. ऐसे में कैब ड्राइवर ऐसे रूट पर चलने से बच रहे हैं जहां प्रदर्शनकारियों के होने की संभावना है.
प्रदर्शनकारियों की मांग है कि ओबा और ऊबर कैब्स किराया बढ़ाया जाए. साथ ही वह पुराने इसेंटिव बहाल किए जाने की मांग कर रहे हैं. उनका यह भी कहना है कि दिल्ली में चलने वाले कैब्स की संख्या पर लगाम लगाई जाए और उनकी लिमिट तय कर दी जाए.
उबर और ओला की लोकप्रयिता पिछले दो वर्षों में काफी तेजी से बढ़ी है.