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ओला ड्राइवर ने बीच रास्ते में पैसेंजर को उतारा, मुस्लिम कॉलोनी में जाने से किया इनकार

इससे मिलती-जुलती ही एक घटना अप्रैल में हुई थी. जिसमें एक शख्स ने अपनी कैब केवल इस वजह से कैंसल कर दी थी, क्योंकि उसका ड्राइवर एक मुस्लिम था

FP Staff

असद अशरफ ने दिल्ली के बी.के.दत्त कॉलोनी से जामिया तक का कैब बुक किया. कैब की चूंकि बहुत कंपनियां हैं, आपको बता दें कि ये 'ओला' कैब था. असद कैब में बैठ गए, लेकिन जैसे ही ड्राइवर को ये बात मालूम पड़ी कि असद जामिया जाना चाहते हैं, जो की उनके हिसाब से एक मुस्लिम कॉलोनी है. उन्होंने असद को बीच रास्ते में ही उतार दिया.

इस घटना के बाद असद, जो पेशे से पत्रकार हैं, उन्होंने ट्विटर पर अपने इस अनुभव को साझा किया. असद ने लिखा कि कैब ड्राइवर ने उन्हें यह कहकर डराया , धमकाया कि जामिया नगर कोई जाने की जगह नहीं है. वो एक मुस्लिम कॉलोनी है. जब असद ने ड्राइवर के इस बात का विरोध किया तो उसने अपने आदमियों को बुलाकर पीटने की धमकी दी.


इस सब के बाद जब ड्राइवर ने बीच रास्ते में उन्हें उतार दिया तो असद ने ओला को अलार्म कॉल किया. ओला ने पहले तो उनकी शिकायत नहीं सुनी. बाद में उनके कॉल नहीं उठाए. ओला ने उनके ऐप को भी तब तक ब्लॉक रखा, जब तक उन्होंने अपनी राइड को रेट नहीं किया. ऐसे में असद को रोड पर ही इंतजार करना पड़ा क्योंकि वो दूसरी कैब करने में असमर्थ थे.

अंतत: जब उन्होंने ओला कस्टमर केयर को किए अपने कंप्लेन की स्क्रीनशॉट ट्विटर पर डाली तब कहीं जाकर ओला ने उनकी बातों का जवाब दिया. लेकिन जवाब में उन्होंने ये दावा किया कि असद की कंप्लेन को उन्होंने पहले ही एक्शन ले लिया है. जबकि ऐसा नहीं था. असद ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ. इसके बाद ओला ने ये कहा कि उन्होंने असद की कंप्लेन सेप्टी टीम को फॉरवर्ड कर दी है.

बाद में कंपनी की तरफ से यह जवाब आया कि उन्होंने ड्राइवर को निकाल दिया है. इससे मिलती-जुलती ही एक घटना अप्रैल में हुई थी. जिसमें एक शख्स ने अपनी कैब केवल इस वजह से कैंसल कर दी थी, क्योंकि उसका ड्राइवर एक मुस्लिम था. हालांकि ओला ने ऐसी घटनाओं को असहनीय बताते हुए कहा है कि भारत की तरह ओला भी धर्मनिरपेक्षता पर विश्वास करता है.