जापानी निवेश कंपनी सॉफ्टबैंक के सहयोग से चलने वाली मोबाइल ऐप आधारित टैक्सी सेवा संचालक ओला को फाइनेंसियल इयर 2015-16 में कुल 2311 करोड़ रुपए यानी रोजाना छह करोड़ रुपए का घाटा हुआ.
इस दौरान कंपनी को प्रचार-प्रसार पर काफी खर्च करना पड़ा और उसे अपने कर्मचारियों के ऊपर भी काफी खर्च करना पड़ा.
बेंगलुरु की कंपनी ओला ने कॉर्पोरेट मंत्रालय को दी गई सूचना में बताया है कि उसे 2014-15 के 796 करोड़ की तुलना में 2015-16 में तीन गुणा अधिक घाटा हुआ.
एक रुपए कमाने के लिए 4 रुपए का खर्च
ओला की अमेरिकी कंपनी उबर से कड़ी प्रतिस्पर्धा है.
ओला का परिचालन करने वाली एएनआई टेक्नोलॉजी के राजस्व में 2015-16 में 758.23 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई जबकि उसके पिछले फाइनेंसियल इयर में यह 103.77 करोड़ रुपए थी.
रिसर्च एंड एनालिटिक्स कंपनी टोफ्लर की सहसंस्थापक आंचल अग्रवाल ने कहा कि वैसे कुल घाटा बड़ा है लेकिन नुकसान का अंतर काफी कम हुआ है.
उन्होंने कहा कि कंपनी 2014-15 में हर एक रुपए की कमाई के लिए 8.5 रुपए खर्च करती थी जो 2015-16 में प्रति एक रुपए पर चार रुपए हो गया है.