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1350 किलोमीटर पैदल चल पीएम मोदी को अधूरे वादे याद दिलाने आया मुक्तिकांत

30 साल के बिस्वल हाथ में राष्ट्रध्वज लेकर पीएम मोदी को यह बताने के लिए आए हैं कि राउरकेला में मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल बनाने का उनका वादा पूरा नहीं हुआ है

FP Staff

ओडिशा के मुक्तिकांत बिस्वल 1350 किलोमीटर का पैदल सफर तय कर के दिल्ली पहुंचे हैं. 30 साल के बिस्वल हाथ में राष्ट्रधव्ज लेकर राष्ट्रीय राजधानी तक इसलिए आए हैं ताकि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके अधूरे वादे याद दिला सकें.

पेशे से मूर्तिकार मुक्तिकांत ने 16 अप्रैल को अपनी यात्रा शुरू की थी. जिसका मकसद था पीएम मोदी को यह बताना कि राउरकेला में मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल बनाने का उनका वादा पूरा नहीं हुआ है. मुक्तिकांत की यह यात्रा अपने गांव के उन लोगों के लिए है जो बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का अभी भी इंतजार कर रहे हैं.


प्रधानमंत्री को अपना वादा याद दिलाने आए हैं मुक्तिकांत

उनका कहना है कि साल 2015 में पीएम मोदी, ओडिशा आए थे. और उन्होंने जनरल अस्पताल को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में बदलने का वादा किया था. मुक्तिकांत के मुताबिक, पीएम ने ब्राम्हाणी पुल का निर्माण कराने का वादा भी किया था, लेकिन अब चार साल हो गए हैं और अब तक कुछ नहीं हुआ है. बता दें कि इतनी लंबी पैदल यात्रा करने पर मुक्तिकांत की तबीयत खराब हो गई है. उसके शरीर में पानी का लेवल घट गया है. लिहाजा उसे अस्पताल में भर्ती किया गया है.

इस मामले पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है. राहुल ने ट्वीट किया, 'पीएम ने 3 साल पहले राउरकेला में मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल का वादा किया था. अब मुक्तिकांत बिस्वल 1300 किलोमीटर चल कर दिल्ली आएं हैं, क्योंकि पीएम अपना वादा पूरा नहीं कर सके और लोग मर रहे हैं. मैं बिस्वाल को आश्वस्त करना चाहता हूं कि भारत के लोग और कांग्रेस पार्टी पीएम को उनके वादे याद दिलाती रहेगी. '

राष्ट्रधव्ज से प्रेरणा लेकर पीएम को वादे याद दिलाने निकले मुक्तिकांत

न्यूज एजेंसी के मुताबिक मुक्तिकांत ने कहा कि मैं पीएम से मिलने जा रहा हूं और उनसे आग्रह करुंगा कि वो अपना वादा पूरा करें. मुक्तिकांत देश के कई वंचित नागरिकों की बात करते हैं, जिनके लिए बुनियादी सुविधाएं भी आसानी से उपलब्ध नहीं हैं.

उन्होंने कहा, 'इस्पात जनरल अस्पताल राउरकेला की जीवन रेखा है, और यह इतनी खराब स्थिति में है कि लोग हर दिन वहां मर जाते हैं. मुझे आशा है कि प्रधानमंत्री ने पिछले चार वर्षों में अपना वादा पूरा नहीं किया है, लेकिन वह इस साल कुछ करने के लिए जा रहे हैं.'

मुक्तिकांत ने कहा, 'झंडे को साथ रखने से उसे प्रेरणा मिली.' हालांकि मुक्तिकांत उत्तर प्रदेश स्थित आगरा हाईवे पर बेहोश हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसके बावजूद मुक्तिकांत जज्बे से लबरेज हैं. उन्हें उम्मीद है कि पीएम मोदी से मुलाकात होगी.