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नर्सरी दाखिला विवाद: हाईकोर्ट में दिल्ली सरकार की याचिका खारिज

एकल न्यायाधीश ने अपने अंतरिम आदेश में नर्सरी दाखिले के लिए स्कूल से दूरी के पैमाने पर रोक लगाई थी

FP Staff

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली सरकार की नर्सरी दाखिले संबंधी याचिका को खारिज कर दिया है. इसमें नर्सरी दाखिले संबंधी एकल पीठ के 14 फरवरी के अंतरिम आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई थी.

इससे पहले दिल्ली सरकार ने 7 जनवरी को डीडीए की जमीन पर बने 298 प्राइवेट स्कूलों को यह निर्देश दिया था कि वे नर्सरी में सिर्फ स्कूल से 3 किमी के दायरे में रहने वाले लोगों के बच्चों को ही दाखिला देंगे. जगह खाली रहने पर ही इस दायरे को बढ़ाने की इजाजत है.


इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट के एकल न्यायाधीश की पीठ ने 14 फरवरी को अपने अंतरिम आदेश में दिल्ली सरकार के इस फैसले पर रोक लगा दी थी.

एकल पीठ ने सरकार के फैसले को कहा मनमाना 

न्यायाधीश मनमोहन ने दिल्ली सरकार के नर्सरी दाखिले के नए नियम पर रोक लगाते हुए कहा था, ‘एक छात्र के शैक्षिक भविष्य को सिर्फ इस बात से तय नहीं किया जा सकता कि नक्शे पर उसकी स्थिति कहां है.’

न्यायमूर्ति मनमोहन ने इस पैमाने को ‘मनमाना और भेदभावपूर्ण’ करार देते हुए कहा था कि इससे सिर्फ उन अभिभावकों को फायदा होगा जो अच्छे निजी विद्यालयों के पास रहते हैं.

दिल्ली सरकार ने इस अंतरिम आदेश पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट में अपील की थी.

मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने एकल न्यायाधीश को याचिकाओं पर शीघ्र फैसला करने को कहा.

पीठ ने कहा, ‘हमने दिल्ली सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है. हालांकि एकल न्यायाधीश को निर्देश दिया है कि वह दिल्ली सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जितनी जल्दी हो सके, फैसला करें.’

पीठ ने यह भी कहा कि एकल न्यायाधीश को अपने अंतरिम आदेश में की गई टिप्पणी को ध्यान में रखकर आगे नहीं बढ़ना चाहिए.