चुनाव जीतने के बाद विधायकों और सांसदों की संपत्ति में हुई बढ़ोतरी को लेकर केंद्र सरकार ने जांच की बात कही है.सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद सरकार ने ये बात कही है.
नेताओं की जायदाद में अचानक हुई बढ़ोत्तरी
सोमवार को नेताओं की आय से अधिक संपत्ति को लेकर लखनऊ के एनजीओ 'लोक प्रहरी' की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जांच का आश्वासन दिया.
बता दें कि 'लोक प्रहरी' ने अपनी याचिका में नेताओं की जायदाद में अचानक होने वाले इजाफे को लेकर सवाल उठाए थे. इसमें आरोप लगाया था कि लोकसभा के 26 सांसदों, राज्यसभा के 11 सांसदों और 257 विधायकों की संपत्ति में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है.
ये याचिका एनजीओ ने नेताओं के चुनावी हलफनामों में दी गई जानकारी के आधार पर दायर की थी. इसमें मांग की गई थी कि ना केवल उम्मीदवार की कमाई का स्रोत बताया जाना चाहिए बल्कि उसके जीवनसाथी और बच्चों की कमाई की जानकारी भी दी जाए.
इनकम टैक्स विभाग ने क्या कहा
कोर्ट के सामने इनकम टैक्स विभाग ने कहा कि कुछ नेताओं की संपत्ति में वास्तव में ही चुनाव जीतने के बाद अचानक से इजाफा हुआ है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर विभाग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सात सांसदों और 98 विधायकों की संपत्ति में इजाफे की जांच की जा रही है.
कुछ सांसदों और विधायकों के खिलाफ प्रथम दृष्टया सबूत भी मिले हैं. 42 विधायकों का शुरुआती आकंलन भी किया जा रहा है. जल्द ही इन लोगों के नाम बंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को दिए जाएंगे.
जस्टिस जे चेलमेश्वर की मंशा पर उठाया सवाल
इससे पहले जस्टिस जे चेलमेश्वर की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र की मंशा पर सवाल उठाया था और पूछा था कि क्या कभी नेताओं की ओर से संपत्ति को लेकर दी गई जानकारी की जांच हुई है.
बेंच ने हैरानी जताते हुए कहा था कि एक ओर तो सरकार चुनावी सुधार की बात करती है और दूसरी ओर संदिग्ध मामलों की जांच की तारीख भी नहीं बताती. बेंच ने पूछा, 'क्या यह भारत सरकार का व्यवहार है? अब तक आपने क्या किया है?'
(साभार: न्यूज 18)