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असम: कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सोमवार को जारी होगा एनआरसी का अंतिम मसौदा

एनआरसी में उन सभी भारतीय नागरिकों के नामों को शामिल किया जाएगा जो 25 मार्च, 1971 से पहले से असम में रह रहे हैं

FP Staff

असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के दूसरे और अंतिम मसौदा को जारी करने की तैयारी हो चुकी है और इसे सोमवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जारी कर दिया जाएगा.

एनआरसी के राज्य समन्वयक प्रतीक हाजेला ने कहा कि मसौदे को समूचे राज्य के सभी एनआरसी सेवा केंद्रों (एनएसके) में दोपहर तक प्रकाशित कर दिया जाएगा और आवेदक अपने नामों को सूची में देख सकते हैं. इसमें आवेदकों का नाम, पता और तस्वीर शामिल होगा.


एनआरसी में उन सभी भारतीय नागरिकों के नामों को शामिल किया जाएगा जो 25 मार्च, 1971 से पहले से असम में रह रहे हैं.

इसे देखते हुए असम के सात जिलों बरपेटा, दरंग, धुबरी, सोनितपुर, गोलाघाट और दीमा हसाओ में धारा 144 लागू कर दी गई है. वहीं गुवाहाटी और आसपास के 22 संवेदनशील इलाकों को चिह्नित कर दिया गया है. यहां सीएपीएफ के जवानों की तैनाती कर दी गई है और सेना को अलर्ट किया गया है. असम में एनआरसी का पहला ड्राफ्ट पिछले साल दिसंबर के आखिर में जारी हुआ था. पहले ड्राफ्ट में 3.29 करोड़ आवेदकों में से 1.9 करोड़ लोगों के नाम शामिल किए गए थे. अब दूसरे और फाइनल ड्राफ्ट से ये साफ हो जाएगा कि बाकी बचे 1.5 करोड़ लोग भारत के नागरिक हैं या नहीं.

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बहरहाल, सुरक्षा कानून और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए समूचे राज्य में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. जिला उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को कड़ी सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है.

पुलिस अधीक्षक अपने-अपने संबंधित जिलों में संवेदनशील इलाकों की पहचान कर रहे हैं और किसी भी अप्रिय घटना खासकर अफवाह से होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए स्थिति पर बेहद सावधानी से निगरानी बरती जा रही है.

असम और पड़ोसी राज्यों में सुरक्षा चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए केंद्र ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 220 कंपनियों को भेजा है.

सीएम ने की उच्चस्तरीय बैठक

असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने एनआरसी मसौदा जारी होने के मद्देनजर हाल में उच्च स्तरीय बैठक की और अधिकारियों को सतर्क रहने तथा मसौदे में जिन लोगों के नाम नहीं होंगे उनके दावों और आपत्तियों की प्रक्रिया की व्याख्या और मदद के लिए कहा है.

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे एनआरसी मसौदा सूची पर आधारित किसी मामले को विदेश न्यायाधिकरण को नहीं भेजें.

हाजेला ने कहा कि मसौदा में जिनके नाम उपलब्ध नहीं होंगे उनके दावों की पर्याप्त गुंजाइश होगी. उन्होंने कहा, ‘अगर वास्तविक नागरिकों के नाम दस्तावेज में मौजूद नहीं हों तो वे घबराएं नहीं. बल्कि उन्हें (महिला/पुरूष) संबंधित सेवा केंद्रों में निर्दिष्ट फॉर्म को भरना होगा. ये फॉर्म सात अगस्त से 28 सितंबर के बीच उपलब्ध होंगे और अधिकारियों को उन्हें इसका कारण बताना होगा कि मसौदा में उनके नाम क्यों छूटे.’

इसके बाद अगले कदम के तहत उन्हें अपने दावे को दर्ज कराने के लिए अन्य निर्दिष्ट फॉर्म भरना होगा, जो 30 अगस्त से 28 सितंबर तक उपलब्ध रहेगा.

आवेदक अपने नामों को निर्दिष्ट एनआरसी सेवा केंद्र जाकर 30 जुलाई से 28 सितंबर तक सभी कामकाजी दिनों में सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक देख सकते हैं.

एनआरसी उच्चतम न्यायालय की निगरानी में अपडेट किया जा रहा है.