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आधार की सुरक्षा के लिए UIDAI लाया वर्चुअल आईडी

आधार नंबर की जगह अब आधार होल्डर को वर्चुअल आईडी शेयर करनी होगी. यह बदलाव सुरक्षा और निजता को ध्यान में रखते हुए किए जा रहे हैं

FP Staff

सुरक्षा और निजता को देखते हुए आधार में कुछ बदलाव किए जा रहे हैं. इन बदलावों में UIDAI द्वारा वर्चुअल आईडी और KYC की शुरुआत की जा रही है. वर्चुअल आईडी आधार होल्डर के लिए होगी. आधार नंबर की जगह अब आधार होल्डर को वर्चुअल आईडी शेयर करनी होगी. आधार नंबर के बजाय क्रिप्टिक बारकोड का उपयोग होगा जिससे पहचान संख्‍या सुरक्षित रहेगी.

साथ ही 'अपने ग्राहक को जानो' की सुविधा को भी सीमित किया जाएगा. इसमें एजेंसी से जुड़ा हुआ यूआईडी टोकन जारी होगा जिससे गैरजरूरी जगहों पर आधार नंबर नहीं देना पड़ेगा. हाल ही में ट्रिब्यून ने दावा किया था कि मात्र 500 रुपए में किसी के भी आधार डेटा को प्राप्त किया जा सकता है. अभी 1.19 बिलियन से भी ज्यादा आधार होल्डर हैं.


UIDAI की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हाल के दिनों में प्राइवेसी को लेकर कई सवाल उठे हैं. इसे ध्‍यान में रखते हुए आधार को और मजबूत करने के लिए नई प्रकियाएं शुरू की गई हैं.

बैंक, टेलीकॉम, सार्वजनिक वितरण और इनकम टैक्‍स जैसे विभागों में इसका उपयोग किया जा रहा है.

क्‍या है वर्चुअल आईडी

यह 16 नंबर की अस्‍थायी आईडी होगी जो आधार नंबर से बनाई जाएगी. इससे किसी भी व्‍यक्ति का आधार नंबर नहीं निकाला जा सकेगा. वर्चुअल आईडी की आखिरी नंबर आधार संख्‍या की एल्‍गोरिदम से जनरेट होगा. किसी भी समय पर एक आधार से एक ही वर्चुअल आईडी बन सकती है.जब भी 'अपने ग्राहक को जानो' की जरूरत होगी तब वर्चुअल आईडी का इस्‍तेमाल किया जा सकता है. वर्चुअल आईडी की नकल नहीं की जा सकती. यह आधार कार्ड धारक की जनरेट कर सकता है.