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केरल के स्थानीय यात्रियों को अब मिलेगा मलयालम भाषा में रेलवे टिकट

रेलवे को लोकप्रिय बनाने और अंग्रेजी, हिंदी भाषा न पढ़ पाने वाले लोगों की मदद के लिए क्षेत्रीय भाषा में टिकट छापने की कवायद शुरू की गई है

Bhasha

केरल में रेल यात्रियों को अब उनकी स्थानीय भाषा मलयालम में छपी रेलवे टिकट मिल सकती है. रेलवे को लोकप्रिय बनाने और वैसे लोग जिन्हें अंग्रेजी या हिंदी भाषा में टिकट विवरण को पढ़ने में मुश्किल आती है, उनकी मदद करने के उद्देश्य से प्रायोगिक तौर पर अनारक्षित टिकट प्रणाली (यूटीएस) टिकटों को क्षेत्रीय भाषा में छापने की कवायद शुरू की गई है.

रेलवे सूत्रों ने बताया कि इसके साथ अब एक ही टिकट पर अंग्रेजी, हिंदी एवं मलयालम तीन भाषाओं में जानकारी मिलेगी. वर्तमान में यात्री तिरुवनंतपुरम मध्य एवं एर्नाकुलम दो स्टेशनों से मलयालम भाषा में छपी टिकट खरीद सकते हैं, और समूचे राज्य में एक सप्ताह के अंदर इसका विस्तार 100 से अधिक स्टेशनों तक किए जाने की संभावना है.


एक रेलवे अधिकारी ने कहा ‘यात्रा विवरण एवं टिकट श्रेणी की जानकारी मलयालम भाषा के साथ अंग्रेजी एवं हिंदी में उपलब्ध होगी.’ अनारक्षित टिकट प्रणाली (यूटीएस) साल 2001 में अस्तित्व में आया और उसके बाद से क्षेत्रीय भाषाओं में टिकट जारी करने की योजना शुरू हुई.

अधिकारी ने कहा, ‘इस उद्देश्य को अब पूरा कर लिया गया है. अनारक्षित टिकटों की बुकिंग के लिए हाल में शुरू रेल ऐप राज्य में बहुत लोकप्रिय हो गया है और हर दिन अधिक से अधिक लोग इस पर पंजीकरण करा रहे हैं.’

केरल के अलावा तमिलनाडु में भी कुछ निश्चित स्टेशनों पर तमिल भाषा में टिकट जारी किए जाने की शुरुआत हुई है. पड़ोसी राज्य कर्नाटक ने भी कुछ समय पहले ही ऐसी पहल शुरू की थी.