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गरीबों का इलाज मुफ्त नहीं करने पर अस्पताल और आप को हाईकोर्ट का नोटिस

अग्रवाल ने पीठ से कहा कि हाईकोर्ट ने वर्ष 2007 में और सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2018 में भी याचिका में यही बात कही थी

Bhasha

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को आप सरकार और ‘राजीव गांधी कैंसर संस्थान’ से उस जनहित याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें आरोप लगाया गया है कि पिछले दो दशकों से अस्पताल गरीब मरीजों का मुफ्त में इलाज नहीं कर रहा है.

चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन और जस्टिस वी.के राव की एक खंडपीठ ने दिल्ली सरकार, अस्पताल और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को एक नोटिस जारी कर एनजीओ की ओर से दायर याचिका पर 28 जनवरी 2019 तक जवाब देने को कहा है.


सामाजिक न्यायवादी गैर सरकारी संगठन की ओर से वकील अशोक अग्रवाल द्वारा दायर याचिका में कहा गया था कि अस्पताल को डीडीए ने रियायती मूल्यों पर भूमि इस शर्त पर दी थी कि वह आईपीडी में 10 प्रतिशत और ओपीडी में 25 प्रतिशत गरीब मरीजों का मुफ्त में इलाज करेगा.

अग्रवाल ने पीठ से कहा कि हाईकोर्ट ने वर्ष 2007 में और सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2018 में भी याचिका में यही बात कही थी.

एनजीओ ने अदालत से अपील की है कि वह इस संबंध में अस्पताल को आदेश जारी करे. साथ ही उसने अदालत से दिल्ली सरकार से उसे (अस्पताल को) हुए ‘अनुचित लाभ’ (जो उसने गरीब मरीजों का मुफ्त में इलाज ना कर कमाया है) की वसूली करने के आदेश देने की अपील भी की.

इसके अलावा, याचिका में दिल्ली सरकार और डीडीए से भी अस्पताल के खिलाफ कदम उठाने की अपील की गई है.