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तितली चक्रवात: पश्चिम बंगाल में असर नहीं, दूसरे राज्यों में बारिश की आशंका

'पूर्वी तटीय रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार तटीय सेक्शन में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है

Bhasha

चक्रवाती तूफान ‘तितली’ के दस्तक देने के बाद पश्चिम बंगाल में ज्यादा असर तो नहीं पड़ा है लेकिन राज्य के दक्षिणी जिलों में बहुत भारी बारिश हो सकती है. अधिकारियों ने बताया कि यह तूफान अब पश्चिम बंगाल के गंगा से लगे हिस्सों की तरफ मुड़ सकता है.

मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि यह तूफान गुरुवार शाम तक उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ सकता है. तूफान की दिशा कुछ बदलकर गंगा से लगे पश्चिम बंगाल के हिस्से की तरफ बढ़ जाएगी और फिर शुक्रवार सुबह तक धीरे-धीरे कमजोर पड़ने की संभावना है.


चक्रवात ने पड़ोसी राज्य ओडिशा के गंजम जिले में गुरुवार तड़के दस्तक दी. इसके साथ 126 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही थी. रेलवे पटरियों और बिजली की तारों को कोई बड़ा नुकसान ना पहुंचने के कारण दक्षिण पूर्वी रेलवे ने कहा कि वह सामान्य मार्ग पर दक्षिण भारत में अलग-अलग स्थानों पर अपनी सेवाओं का संचालन करेगा.

वहीं एसईआर के प्रवक्ता संजय घोष ने कहा, 'पूर्वी तटीय रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार तटीय सेक्शन में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है. अत: खड़गपुर-खुर्दा रोड-विजयनगरम से होते हुए सामान्य मार्ग पर ट्रेनें चलेंगी.'

12 अक्टूबर तक समुद्र में ना उतरने की सलाह 

बहरहाल, कुछ ट्रेनों जैसे कि हावड़ा-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस, हावड़ा-यशवंतपुर एक्सप्रेस, अगरतला-बेंगलुरू कैंट हमसफर एक्सप्रेस का मार्ग बदल दिया गया है.

पश्चिम बंगाल में 'तितली' के कारण अभी तक किसी तरह के जानमाल के नुकसान या सड़क एवं रेल यातायात बाधित होने की खबर नहीं है. मौसम विभाग ने शनिवार सुबह तक पश्चिम बंगाल के गंगा से सटे हिस्सों के कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने तथा उसके अगले दिन भारी बारिश की चेतावनी दी है.

विभाग ने मछुआरों को 12 अक्टूबर तक समुद्र में ना उतरने की सलाह दी है. बंगाल की खाड़ी में दीघा, मंदार्माणी, शंकरपुर और अन्य स्थानों के पर्यटक स्थलों पर पर्यटकों को 12 अक्टूबर तक समुद्र से दूर रहने की सलाह दी गई है.