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नोएडा प्राधिकरण ने 96 भवनों को असुरक्षित घोषित किया, 1 सप्ताह में गिराने का निर्देष

बीजेपी के पूर्व महामंत्री और किसान नेता महेश अवाना ने बताया कि नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी यहां के ग्रामीणों का शोषण कर रहे हैं

Bhasha

ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी गांव में 17 जुलाई को दो भवन गिरने से नौ लोगों की मौत की घटना के चलते नोएडा प्राधिकरण ने विभिन्न गांवों और सेक्टरों में बने 96 भवनों को असुरक्षित घोषित किया है. नोएडा प्राधिकरण ने ऐसे भवनों पर नोटिस चस्पा किया है और उन्हें एक सप्ताह के अंदर तोड़ने का निर्देश दिया है.

प्राधिकरण ने अपने नोटिस में लिखा है कि असुरक्षित भवनों को अगर भवन मालिकों द्वारा स्वयं नहीं तोड़ा जाता है तो किसी भी अनहोनी के लिए वे खुद जिम्मेदार होंगे. प्राधिकरण द्वारा जारी किए गए नोटिस से भवन स्वामियों में खलबली मची हुई है.


नोएडा प्राधिकरण के विशेष कार्याधिकारी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि प्राधिकरण ने बरौला गांव में 26 भवनों, निठारी गांव में 30 भवनों, सेक्टर 58 में तीन औद्योगिक भूखंडों, गढ़ी चौखंडी गांव में 26 भवनों, झुंडपुरा गांव में दो मकानों, नया बास और अट्टा गांव में नौ भवनों को सर्वेक्षण के बाद असुरक्षित पाया है. इन भवनों के ऊपर नोटिस चस्पा किया गया है और उनके स्वामियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने भवनों को एक सप्ताह के अंदर तोड़ दें, अन्यथा प्राधिकरण यह काम करेगा.

नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों पर लग रहा शोषण का आरोप

उन्होंने बताया कि अभी तक किसी भी भवन स्वामी ने नोटिस का जवाब नहीं दिया है. उन्होंने बताया कि नोएडा प्राधिकरण भवन स्वामियों का पक्ष सुनेगा, उसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जब तक भवन स्वामियों का पक्ष नहीं सुन लिया जाता तब तक नोएडा प्राधिकरण कार्रवाई नहीं करेगा.

नोएडा प्राधिकरण द्वारा दिए गए नोटिस से यहां के ग्रामीणों में भारी आक्रोश है. बीजेपी के पूर्व महामंत्री एवं किसान नेता महेश अवाना ने बताया कि नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी यहां के ग्रामीणों का शोषण कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि नोएडा प्राधिकरण ने चंद दिनों में ही गांव की इमारतों का सर्वेक्षण कर यह कैसे पता लगा लिया कि कितने भवन असुरक्षित हैं और उनकी निर्माण गुणवत्ता घटिया है.

उन्होंने कहा कि वर्षों पूर्व बने मकानों की गुणवत्ता नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी अभी तक तय नहीं कर पाए हैं. अगर प्राधिकरण गांवों में बनी इमारतों को तोड़ेगा तो ग्रामीण उसका जमकर विरोध करेंगे.