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नोटबंदी से भारत को कोई खास लाभ नहीं : क्रुगमैन

ऐसा लगता है कि नोटबंदी सिर्फ गैर-कानूनी नकदी निकालने के लिए की गई कोशिश है.

IANS

भारत द्वारा उठाए गए नोटबंदी के कदम को असामान्य बताते हुए नोबेल पुरस्कार विजेता अमेरिकी अर्थशास्त्री पॉल क्रुगमैन ने शुक्रवार को कहा कि यह फैसला 'लागत घटाने के लिए' महत्त्वपूर्ण है, लेकिन इससे कोई 'खास फायदा' होना निश्चित नहीं है.

क्रुगमैन ने हिंदुस्तान टाइम्स के सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा, ‘इसका सिर्फ एक शब्द में विश्लेषण किया जा सकता है- असामान्य. ऐसा लगता है कि यह गैर-कानूनी नकदी की समस्या से निपटने के लिए उठाया गया अत्यधिक विनाशकारी कदम है. यह स्पष्ट नहीं है कि लंबे समय में इससे क्या खास फायदा होगा.’


हालांकि क्रुगमैन ने यह भी कहा, ‘उच्च मूल्य के नोट आधुनिक अर्थव्यवस्था में बुरी चीज हैं, क्योंकि ये किसी सही उद्देश्य को पूरा नहीं करतीं.’ उन्होंने आगे कहा, ‘लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ. उच्च मूल्य वाले नोट नहीं हटाए गए. ऐसा लगता है कि यह केवल गैर-कानूनी नकदी निकालने के लिए की गई कोशिश है.’

उन्होंने बताया कि 'एक साल बाद भी चीजें वहीं की वहीं रहेंगी, क्योंकि काला धन रखने वाले लोग कोई न कोई तरीका निकाल लेंगे.'

उन्होंने साफतौर पर कहा, ‘इस पहल से काला धन रखने वाले सतर्क हो जाएंगे और वे भविष्य में अपने धन को बेहतर और बारीक तरीके से ठिकाने लगाएंगे. यह समस्या कहीं अधिक गहरी है और इसका इलाज भी काफी मुश्किल है. भारत एक कम आय वाला देश है तो यहां आयकर भी उसी हिसाब से इकट्ठा होगा. वास्तविकता यह है कि कई विकसित देशों में भी लोग टैक्स चोरी करते हैं.’

क्रुगमैन ने लोगों को ध्यान दिलाया कि, 'टैक्स जमा करने के मामले में अमेरिका का रिकार्ड सबसे अच्छा है, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद स्थिति बदल सकती है.'