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दवाओं का फर्जी विज्ञापन देने वालों को केंद्र सरकार ने दी चेतावनी

केंद्र सरकार ने टीवी चैनलों को दवाओं के बारे में अनुचित या बढ़ा-चढ़ाकर किए गए दावे वाले विज्ञापनों का प्रसारण नहीं करने की सलाह दी

Bhasha

केंद्र सरकार ने टीवी चैनलों को चेतावनी दी है कि आयुर्वेदिक, सिद्ध, यूनानी और होम्योपैथिक दवाओं और उत्पादों के बारे में अनुचित या बढ़ा-चढ़ाकर किए गए दावे वाले विज्ञापनों का प्रसारण नहीं किया जाए.

सूचना और प्रसारण मंत्रालय के निदेशक (प्रसारण) अमित कटोच द्वारा जारी परामर्श के अनुसार चैनलों को केवल उन उत्पादों और दवाओं का विज्ञापन करना चाहिए जिनके पास वैध लाइसेंस हों. ऐसा नहीं होने पर कार्रवाई की जा सकती है.


आयुष मंत्रालय ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय से कहा था कि कुछ चैनल इस तरह की दवाओं के अतिशयोक्ति या अनुचित दावे वाले विज्ञापन चला रहे हैं, जिसके बाद सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने यह परामर्श जारी किया है.

इसमें कहा गया है कि इस तरह के इश्तहार उपभोक्ताओं को गुमराह कर रहे हैं और खुद ही दवा लेने के चलन के साथ स्वास्थ्य संबंधी खतरे पैदा कर रहे हैं. इसके अनुसार इस तरह के विज्ञापनों या कार्यक्रमों में स्वघोषित डॉक्टर, गुरू और वैद्य सभी तरह की स्वास्थ्य समस्याओं के चमत्कारिक समाधान सुझाते हैं.

परामर्श के अनुसार इन उत्पादों और दवाओं के गुमराह करने वाले विज्ञापन ‘दवा और जादुई उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम 1954’ और ड्रग्स और कॉस्मेटिक कानून 1940 का उल्लंघन करने वाले हैं.