view all

आयुष मंत्रालय की प्रेग्नेंट वुमेंस को सलाह: नॉन वेज और सेक्स से करें परहेज

बुकलेट में बुरी संगत से बचने और मन में आध्यात्मिक विचार लाने की भी सलाह दी गई है

FP Staff

मांस नहीं खाइए, सेक्स से भी परहेज कीजिए, कुसंगति से भी दूर रहिए. क्योंकि ये सारी आदतें एक स्वस्थ बच्चे की चाह में रोड़ा बन सकते हैं. ये सारी बातें आयुष मंत्रालय की बुकलेट में लिखी हैं. यह बुकलेट मंत्रालय की ओर से भारत की प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए जारी की गई है.

बुकलेट में गर्भवती महिलाओं को स्वस्थ बच्चे की चाहत के लिए के लिए कुछ अहम टिप्स दिए गए हैं. जिसमें मांस नहीं खाने और सेक्स से बचने के साथ अध्यात्म की ओर झुकाव और अपने कमरे की दीवारों पर सुंदर और अच्छी तस्वीरें टांगने की सलाह भी शामिल है.


इस बुकलेट का नाम ‘मदर और चाइल्ट केयर’ है. यह रिपोर्ट 2014 में बनी सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन योगा एंड न्यूरोपैथी की है. जो कि आयुष मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत है.

गौरतलब है कि पिछले दिनों आरएसएस की चिकित्सा शाखा ‘आरोग्य भारती’ द्वारा शिशु को गर्भ में ही गोरा और संस्कारी बनाने की खबर सामने आई थी. तब बताया गया था कि माता-पिता के तीन महीने का शुद्धिकरण, ग्रहों के मुताबिक संभोग, महिला के गर्भवती हो जाने के बाद पूरी तरह से परहेज़ और प्रक्रियात्मक व सही भोजन का पालन करने से परफेक्ट संतान की प्राप्ति हो सकती है.

ये कोई पहली बार नहीं है जब महिलाओं को इस तरह की सलाह दी जा रही है. योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि पर भी ‘पुत्रजीवक’ नाम की औषधी बेच चुकी है. रामदेव का दावा था कि इसे खाने से संतान के रूप में पुत्र ही पैदा होगा.

मंत्रालय की तरफ से डॉ. ईश्वर एन आचार्य का कहना है ‘ये सिर्फ सूचना और सुझाव है.’ ना कि निर्देश.

उन्होंने कहा ‘प्रेग्नेंसी के दौरान नॉन-वेज से बचना चाहिए. हमने ये कहीं नहीं लिखा सेक्स से भी दूर रहना चाहिए.’

स्टडी के मुताबिक अगर मां की सोच, स्ट्रेस और डिप्रेशन बच्चे के विकास पर असर डालता है. ‘महिला को प्रेग्नेंसी के दौरान आदेशक होने के बजाय खुश रहना चाहिए. हमें महिला को वो करने के लिए कहना चाहिए जिसे वो खुशी से करना चाहती हो और परिवार को महिला के प्रति मददगार होना चाहिए.’

आपको जानकर अचंभा होगा कि भारत में हर साल 44,000 महिलाओं की प्रेग्नेंसी के दौरान मौत होती है. ये बुकलेट किसी और ने नहीं मंत्रालय के राज्य मंत्री श्रीपद नाइक द्वारा जारी की गई है. जिसमें महिलाओं को इस तरह की सलाह दी गई है.