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46,000 मेगावाट बिजली पहुंचाने के लिए देश में बुनियादी ढांचा नहीं

संयंत्रों की कमी और पर्याप्त ढांचागत सुविधाओं के अभाव के चलते उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंच पा रही है बिजली

Bhasha

गुजरते हर साल के साथ देश में बिजली की डिमांड बढ़ती जा रही है. गर्मियां आते ही ये मांग और बढ़ जाती है जबकि, सप्लाई घट जाती है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि देश में करीब 46 हजार मेगावाट बिजली उत्पादी क्षमता तैयार है लेकिन राज्यों ने उन संयंत्रों से बिजली लेने के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा का निर्माण नहीं किया है.

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण ने मंगलवार को कहा कि 46 हजार मेगावाट की बिजली क्षमता फंसी पड़ी है. इसका कारण सप्लाई चेन के अंतिम छोर तक बिजली पहुंचाने की खराब व्यवस्था है. क्योंकि राज्यों ने निष्क्रिय बिजली को अंतिम उपभोक्ता तक पहुंचाने के लिए पर्याप्त ढांचागत सुविधाओं का निर्माण नहीं किया.


ऑटोमेशन एंड सोलर स्टोरेज विषय पर पीएचडीसीसीआई द्वारा आयोजित सम्मेलन में बत्रा ने कहा कि 46 हजार मेगावाट में से 30 हजार मेगावाट तापीय और बाकी का 16 हजार मेगावाट गैस आधारित हैं.

बयान के अनुसार उन्होंने कहा कि राज्य और कुछ केंद्र शासित प्रदेश क्षमता के कम उपयोग के लिए जिम्मेदार हैं. यह क्षमता अंतिम छोर तक पहुंचाने के लिए पर्याप्त है.