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तमिलनाडु के किसानों को नहीं मिला कर्ज माफी का कोई भरोसा

सीपीएम के ही सीताराम येचुरी ने भी किसानों के ऋृण को माफ किए जाने की मांग की

Bhasha

राज्यसभा में सरकार ने सूखा से प्रभावित तमिलनाडु के किसानों के ऋृण माफी का सीधे कोई भरोसा नहीं दिया लेकिन ये जरूर कहा कि फसल बीमा योजना के तहत बीमा के दायरे को बढ़ाया जा रहा है.


वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में कहा कि सरकार तमिलनाडु के किसानों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील है.

उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री अरूण जेटली, कृषि मंत्री राधामोहन सिंह और जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने तमिलनाडु के किसानों की समस्याओं को लेकर प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की है.

उन्होंने कहा कि फसल को बीमा नहीं मिलने के मुद्दे पर गौर किया जा रहा है और फसल बीमा का दायरा बढ़ाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य को उसका सही हक मिल रहा है.

उन्होंने किसानों के लिए ऋृण माफी की मांग पर कोई टिप्पणी नहीं की हालांकि कई सदस्यों ने इस पर जोर दिया.

शून्यकाल में डीएमके के टी. शिवा ने तमिलनाडु में भारी सूखे के कारण किसानों की गंभीर स्थिति का मुद्दा उठाया और कहा कि वे पिछले कई दिनों से जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं.

उन्होंने प्रदेश के किसानों का ऋृण माफ किए जाने और राज्य को पर्याप्त आर्थिक मदद देने की मांग की. उन्होंने कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन की भी मांग की.

सीपीआई के डी राजा ने कहा कि देश में कृषि संकट से गुजर रहा है और किसान अभूतपूर्व समस्याओं का सामना कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि सरकार अन्य क्षेत्रों के ऋृण को माफ कर सकती है तो फिर वह किसानों के कर्जे को क्यों नहीं माफ कर सकती. उन्होंने राज्य की एक हाइड्रोकार्बन परियोजना का भी विरोध किया और कहा कि स्थानीय लोगों को आशंका है कि इससे वहां जल संकट बढ जाएगा.

सीपीएम के टीके रंगराजन ने कहा कि तमिलनाडु में पेयजल का संकट है और मवेशियों के लिए चारे की भी कमी हो गयी है.

सीपीएम के ही सीताराम येचुरी ने भी किसानों के ऋृण को माफ किए जाने की मांग की और कहा कि अन्नदाता चूहे खाने को विवश हो गए हैं.

इस दौरान एसपी के नरेश अग्रवाल और कुछ अन्य सदस्यों ने ऋृण माफी की घोषणा किए जाने की मांग की लेकिन उपसभापति पीजे कुरियन ने कहा कि इस बारे में कोई घोषणा वित्तमंत्री ही कर सकते हैं.