view all

प्रदूषण कम करने को स्वीडन की राह पर चलने की सलाह

मेथनॉल 22 रुपए प्रतिलीटर में उपलब्ध है. स्वीडन भी डीजल की जगह मेथनॉल अपनाने की दिशा में बढ़ रहा है

Bhasha

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि भारत को ईंधन के रूप में प्रदूषण रहित मेथनॉल का इस्तेमाल करना चाहिए. उन्होंने स्वीडन की मिसाल दी जो डीजल को छोड़कर मेथनॉल अपनाने की दिशा में बढ़ रहा है.

पणजी में शनिवार को उन्होंने कहा कि समुद्र में प्रदूषण को कम करने के लिए केंद्र ने इंजन निर्माताओं के साथ जहाजों के लिए जैविक ईंधन अनुकूल इंजन निर्माण की बातचीत शुरू की है.


सड़क परिवहन, राजमार्ग और पोत परिवहन मंत्री गडकरी ने घोषणा की कि वायु यातायात नियंत्रण प्रणाली की तर्ज पर सरकार नदी यातायात नियंत्रण प्रणाली विकसित कर रही है.

दक्षिण गोवा में चल रहे ‘सागर डिस्कोर्स’ के दूसरे दिन उन्होंने कहा, ‘हमें प्रदूषण रहित मेथनॉल का इस्तेमाल ईंधन के रूप में करना चाहिए. यह 22 रुपए प्रतिलीटर में उपलब्ध है. स्वीडन भी डीजल की जगह मेथनॉल अपनाने की दिशा में बढ़ रहा है.

गडकरी ने जहाज को मेथनॉल से चलाने की घोषणा पहले ही कर दी थी

फोरम फॉर इंटीग्रेटेड नेशनल सिक्युरिटी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में 22 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए.

इससे पहले नितीन गडकरी भारत में जहाज मेथनॉल से चलने की घोषणा पहले ही कर दी थी. केंद्र सरकार इसको लेकर योजना बना रही है.

उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक्स पर आने वाले खर्च में कटौती के लिए बड़े पैमाने पर अंतर्देशीय जलमार्ग परियोजनाओं को विकसित किया जा रहा है, वहीं मेथनॉल को जल्द ही जहाजों में इस्तेमाल होने वाला ईंधन बनाया जाएगा.

उन्होंने कहा था कि मेथनॉल के लिए कोयले की जरूरत होती है और यह देसी ईंधन आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में उपलब्ध हैं.

निर्यात को भी लॉजिस्टिक्स में आने वाले खर्च में कटौती कर बढ़ाया जा सकता है. इससे रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे.