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2024 से देश में एक साथ हो लोकसभा और विधानसभा चुनाव: नीति आयोग

आयोग के मुताबिक, चुनाव के दौरान ‘प्रचार मोड’ में जाने से शासन व्यवस्था में अड़चन कम होगी

Bhasha

नीति आयोग ने वर्ष 2024 से लोकसभा अैर विधानसभा चुनावों को एकसाथ करवाने का सुझाव दिया है. आयोग ने इसके पीछे का तर्क दिया है कि ऐसा करने से चुनाव के दौरान ‘प्रचार मोड’ में जाने से शासन व्यवस्था में व्यवधान कम पड़ेगा.

नीति आयोग ने कहा कि इस प्रस्ताव को लागू करने से अधिकतम एक बार कुछ विधानसभाओं के कार्यकाल बढ़ेंगे या कुछ में कटौती करनी पड़ेगी.


आयोग ने चुनाव आयोग को इस पर गौर करने को कहा है. साथ ही इस सिलसिले में एकमुश्त चुनावों का रोडमैप तैयार करने के लिए एक कार्यसमूह गठित करने का सुझाव दिया है.

छह महीने में रिपोर्ट 

इस समिति को छह माह के अंदर रिपोर्ट देना होगा और इसका अंतिम खाका अगले मार्च तक तैयार हो जाएगा. इस मसौदा रिपोर्ट को 23 अप्रैल को नीति आयोग के गवर्निंग काउंसिल के सदस्यों के बीच प्रसारित किया गया था. इन सदस्यों में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और अन्य लोग शामिल हैं.

यह सिफारिश इस लिहाज से अहम है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एकसाथ करवाने की वकालत कर चुके हैं.

एक साथ कर सकते हैं चुनाव 

नीति आयोग की मसौदा रिपोर्ट कहती है, ‘भारत में सभी चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और समकालिक तरीके से होने चाहिए ताकि शासन व्यवस्था में ‘प्रचार मोड’ के कारण होने वाला व्यवधान कम से कम किया जा सके. हम वर्ष 2024 के चुनाव से इस दिशा में काम शुरू कर सकते हैं.’

इस साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मुखर्जी ने अपने भाषण में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव को एकसाथ करवाने की वकालत की थी.

प्रधानमंत्री ने भी की है वकालत 

प्रधानमंत्री मोदी ने फरवरी में एकमुश्त चुनाव करवाने की वकालत करते हुए कहा था, ‘एकसाथ चुनाव से सभी को कुछ नुकसान होगा. हमें भी नुकसान होगा.’

उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील की थी कि वे इस विचार को राजनीति के संकीर्ण चश्मे से न देखें. उन्होंने कहा था, ‘एक पार्टी या सरकार इसे नहीं कर सकती. हमें मिलकर एक रास्ता तलाशना होगा.’

न्यूज़ 18 साभार