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प्राइवेट सेक्टर में नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ है नीति आयोग

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पिछले साल निजी क्षेत्र में आरक्षण की वकालत की थी

Bhasha

नौकरियों में आरक्षण पर बहस में शामिल होते हुए नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा है कि इसका निजी क्षेत्र में विस्तार सही नहीं होगा. इसके साथ ही उन्होंने स्वीकार किया कि ज्यादा रोजगार निर्मित करने के लिए और प्रयास करने की जरूरत है.

कई राजनीतिक दलों के नेता निजी क्षेत्र की नौकरियों में एससी-एसटी के लिए आरक्षण की वकालत कर रहे हैं. इस बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा कि ‘निजी क्षेत्र में नौकरियों में आरक्षण नहीं होना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि हर साल 60 लाख लोग श्रम बाजार में शामिल हो रहे हैं. सरकार इनमें से 10 से 12 लाख लोगों को ही रोजगार दे पा रही है. कुछ लोग इनफॉर्मल क्षेत्र में रोजगार पा लेते हैं. अब यह भी अपने अधिकतम स्तर तक पहुंच चुका है. ऐसे में विभिन्न वर्गों के लोगों की ओर से शिकायतें आ रही हैं.


केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी ने हाल में निजी क्षेत्र में आरक्षण की मांग की थी. पूर्व में भी कई राजनीतिक दल इसी तरह की मांग रख चुके हैं.

नेताओं ने भी लगाए आरोप

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पिछले साल निजी क्षेत्र में आरक्षण की वकालत की थी. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कुछ माह पूर्व निजी क्षेत्र में आरक्षण की मांग उठाई थी. उन्होंने कहा था, ‘अगर आज आर्थिक उदारीकरण के दौर में निजी क्षेत्र में आरक्षण नहीं दिया जा रहा है तो यह सामाजिक न्याय की अवधारणा के साथ मजाक होगा.'

हालांकि, कई उद्योग संगठन लगातार कहते रहे हैं कि निजी क्षेत्र में आरक्षण से वृद्धि के रास्ते में अड़चन आएगी. स्किल्ड लेबर की कमी होगी जिससे निवेश आकर्षित नहीं किया जा सकेगा.