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'निर्भया' केस: सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर परिवारवालों और मेनका ने जताई खुशी

फैसले के बाद गांव में निर्भया के गांव के लोगों ने मिठाई बांटी और मंदिर में विशेष पूजा की. मंदिर में महिलाओं ने दुग्धाभिषेक कर खुशी जताई

Bhasha

सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर, 2012 के सनसनीखेज निर्भया सामूहिक बलात्कार कांड और हत्या के मामले में फांसी के फंदे से बचने का प्रयास कर रहे तीन दोषियों की पुनर्विचार याचिकाएं सोमवार को खारिज कर दी.

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने दोषी मुकेश, पवन गुप्ता और विनय कुमार की याचिकाएं खारिज करते हुए कहा कि पांच मई, 2017 के फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कोई आधार नहीं है.


शीर्ष अदालत ने कहा कि जिन दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई है वे उसके निर्णय में साफ तौर पर कोई भी त्रुटि सामने रखने में विफल रहे हैं.

न्यायालय ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई के दौरान तीनों दोषियों का पक्ष विस्तार से सुना गया था और अब मौत की सजा बरकरार रखने के शीर्ष अदालत के निर्णय पर पुनर्विचार के लिए कोई मामला नहीं बनता है.

इस सनसनीखेज अपराध में चौथे मुजिरम अक्षय कुमार सिंह ने मौत की सजा के निर्णय पर पुनर्विचार के लिए याचिका दायर नहीं की थी.

राजधानी में 16 दिसंबर , 2012 को हुए इस अपराध के लिए निचली अदालत ने 12 सितंबर, 2013 को चार दोषियों को मौत की सजा सुनाई थी. इस अपराध में एक आरोपी राम सिंह ने मुकदमा लंबित होने के दौरान ही जेल में आत्महत्या कर ली थी जबकि छठा आरोपी एक किशोर था.

दिल्ली हाई कोर्ट ने 13 मार्च , 2014 को दोषियों को मृत्यु दंड देने के निचली अदालत के फैसले की पुष्टि कर दी थी. इसके बाद , दोषियों ने शीर्ष अदालत में अपील दायर की थीं जिन पर न्यायालय ने पांच मई, 2017 को फैसला सुनाया था.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भया के गांव में खुशी का माहौल

देश-दुनिया को झकझोरने वाले ‘निर्भया‘ कांड के तीन गुनहगारों की मौत की सजा सुप्रीम कोर्ट द्वारा बहाल रखे जाने के बाद इस कांड के भुक्तभोगी परिवार और उसके बलिया स्थित पैतृक गांव के लोगों ने खुशी का इजहार किया है.

बिहार की सरहद से सटे बलिया जिले के नरही थाना क्षेत्र में स्थित दिल्ली के सामूहिक बलात्कार कांड की पीड़िता के पैतृक गांव मेड़वार कलां में सोमवार अपराह्न जैसे ही सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की जानकारी मिली, कांड के भुक्तभोगी परिवार और गांववासियों में खुशी की लहर दौड़ गई.

फैसले के बाद गांव में लोगों ने मिठाई बांटी और मंदिर में विशेष पूजा की. मंदिर में महिलाओं ने दुग्धाभिषेक कर खुशी जताई.

निर्भया के दादा लाल जी सिंह ने फैसले पर खुशी का इजहार करते हुए कहा कि अगर अब तक दरिंदों को फांसी मिल गई होती तो आए दिन सामने आ रही हैवानियत की घटनाएं शायद ना होतीं.

सिंह ने कहा कि अब उनकी पोती के गुनहगारों को बिना देर किए फांसी पर लटका देना चाहिए.

इस बीच, निर्भया की मां ने टेलीफोन पर 'भाषा' से कहा कि उनका परिवार लगभग छह वर्ष से संघर्ष कर न्याय की लड़ाई लड़ रहा है. उन्हें खुशी है कि दरिंदों को किसी न्यायालय से अब तक कोई राहत नहीं मिली है. उन्हें न्यायालय के फैसले से तसल्ली हुई है लेकिन एक नाबालिग दरिंदा कानून का लाभ उठाकर फांसी की सजा से बच गया, इसका दुःख है.

निर्भया के पिता ने कहा कि वह फैसले से खुश हैं. उन्हें पूरा विश्वास था कि सुप्रीम कोर्ट से दरिंदों को कोई राहत नहीं मिलेगी.

मेनका ने निर्भया मामले में न्यायालय के फैसले पर संतोष जताया

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर संतोष जताया.

मंत्री ने मध्य प्रदेश के सागर में एक नाबालिग बच्ची से बलात्कार के मामले में अदालत द्वारा मौत की सजा सुनाए जाने का हवाला भी दिया और कहा कि ऐसा लग रहा है कि केंद्र सरकार की ओर से उठाए गए कड़े कदमों का असर हो रहा है.

निर्भया मामले में न्यायालय का फैसला आने के बाद मेनका ने आज एक वीडियो जारी कर कहा, 'मैं इस बात से संतुष्ट हूं कि सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया सामूहिक बलात्कार के मामले में दोषियों की याचिकाओं को खारिज कर दिया है.' उन्होंने कहा, 'नाबालिग बच्चियों से बलात्कार के मामलों को लेकर नए कानून के क्रियान्वयन के बाद मध्य प्रदेश की एक अदालत ने एक मामले में मौत की सजा सुनाई है. हमारी सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं. आशा है कि इन कदमों का असर हो रहा है और ये इस तरह के अपराधों के मामलों में प्रतिरोधक का काम करेंगे.'