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नीरव मोदी की संपत्ति जब्त नहीं होने देगा अमेरिका, भारत के मंसूबों पर फिरा पानी

अमेरिकी कोर्ट ने आदेश में कहा, 'कर्ज देने वाले अब वसूली के लिए अपने कर्जदार या उसकी संपत्तियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकते.'

FP Staff

हीरा कारोबारी और पंजाब नेशनल बैंक फर्जीवाड़े में शामिल नीरव मोदी के खिलाफ जांच में भारत सरकार को एक बड़ा झटका लगा है. मोदी की कंपनी फायरस्टार डायमंड से कर्ज वसूली पर अमेरिका की एक अदालत ने अंतरिम रोक लगा दी है.

दरअसल नीरव मोदी की कंपनी फायरस्टार डायमंड इंक ने दिवालिया कानून के तहत संरक्षण के लिए न्यूयॉर्क की एक अदालत में याचिका डाली थी. इस पर जज सॉन एच लेन ने सुनवाई की. अमेरिकी दिवालिया अदालत ने कहा है कि ऐसी याचिका मंजूर होते ही कर्ज वसूलियों पर खुद ब खुद रोक लग जाती है.


कोर्ट की तरफ से जारी दो पन्नों के आदेश में कहा गया है, 'कर्ज देने वाले अब वसूली के लिए अपने कर्जदार या उसकी संपत्तियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकते.' इस मामले में कर्ज देना वाला देश भारत है और कंपनी पीएनबी.

आदेश में कहा गया है, 'उदाहरण के लिए, जब तक ये रोक लागू है, लोन देने वाले अपने कर्जदार से वसूली के लिए न उन पर कोई केस कर सकते हैं और न ही उनकी संपत्तियां जब्त कर सकते हैं. इसका उल्लंघन करने वालों को वास्तविक और दंडात्मक नुकसान व वकील की फीस भी चुकानी पड़ सकती है.'

कहां है नीरव मोदी, नहीं जानता अमेरिका

अमेरिकी विदेश विभाग ने साफ किया है कि उसकी सरकार को नीरव मोदी के अमेरिका में होने की खबरें मिली हैं, लेकिन वह यहां है कि नहीं, इसकी पुष्टि नहीं कर सकता.

विदेश विभाग के प्रवक्ता ने बताया, ‘हम हाल के मीडिया रपटों से वाकिफ हैं कि नीरव मोदी अमेरिका में है पर इस बारे में पक्का नहीं कह सकते.’

यह पूछे जाने पर कि क्या नीरव मोदी का पता लगाने के लिए विदेश विभाग भारत सरकार की मदद कर रहा है तो प्रवक्ता ने कहा, ‘मोदी (नीरव) की जांच के बारे में भारतीय अधिकारियों को कानूनी सहयोग देने को लेकर आप कानून विभाग से संपर्क कर सकते हैं.’अमेरिकी विदेश विभाग ने मोदी पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से 12,000 करोड़ रुपए से अधिक के फर्जीवाड़ा मामले में मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी व कुछ अन्य लोगों के खिलाफ जांच चल रही है.

(इनपुट 'भाषा' से भी)