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PNB Fraud Case: दस्तावेज छिपाने के आरोप में फंसी देश की सबसे बड़ी लॉ फर्म

नीरव मोदी ने फरवरी में मुंबई में अपनी कंपनी के कुछ दस्तावेज सीएएम के पास भेजे थे. पुलिस ने 21 फरवरी को ये सारे दस्तावेज जब्त कर लिए

FP Staff

पीएनबी घोटाला मामले में देश की सबसे बड़ी लॉ फर्म सिरिल अमरचंद मंगलदास (CAM) सीबीआई जांच के घेरे में आ गई है. फर्म पर आरोप है कि उसने नीरव मोदी की पीएनबी से हो रही डील के कागज अपने पास रखे थे जबकि फर्म उनकी कंपनियों का कहीं प्रतिनिधित्व नहीं कर रही थी. नीरव मोदी मामले में  सरकारी वकील के.राघावाचार्यलु और सीबीआई के दो सूत्रों ने रॉयटर्स को ये जानकारी दी.

दरअसल नीरव मोदी ने फरवरी में मुंबई में अपनी कंपनी के कुछ दस्तावेज सीएएम के पास भेजे थे. पुलिस ने 21 फरवरी को ये सारे दस्तावेज जब्त कर लिए.


राघवाचार्युलु ने कहा, 'यह तय है कि पीएनबी घोटाला मामले में सीएएम उनकी अटॉर्नी नहीं है, यही कारण है कि वह वकील-मुवक्किल होने के विशेषाधिकार का दावा नहीं कर सकते.' राघवाचार्युलु ने यह भी कहा कि उनका यह आंकलन सीबीआई के जांच अधिकारियों की ओर से रोजाना मिली जानकारी के आधार पर है.

सीएएम ने क्या कहा?

रॉयटर्स के अनुसार नीरव मोदी के साथ अपने रिश्तों को लेकर सीएएम ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. CAM की प्रवक्ता मधुमिता पॉल ने कहा, 'फर्म ईमानदारी से नियमों का पालन करती है और जो मामले अदालत में हों या उनकी जांच चल रही हो उन पर टिप्पणी नहीं करती है.'

सीएएम अधिकारी का बयान दर्ज

राघवाचार्युलु ने कहा कि इस मामले में पुलिस ने अभी तक किसी सीएएम के आधिकारिक से पूछताछ नहीं की हालांकि सीबीआई के एक सूत्र ने कहा कि चार्जशीट फाइल करने से पहले पुलिस ने सीएएम के जूनियर वकील को समन किया, उससे सवाल किए और बयान रिकॉर्ड किए.

सूत्र के मुताबिक सीबीआई अभी इस बात पर विचार कर रही है कि क्या सबूत छिपाने के लिए फर्म पर आरोप लगाया जाए या फिर नीरव मोदी के खिलाफ सरकारी गवाह बनाकर पेश किया जाए. इसी के चलते अभी तक सीएएम अधिकरी के बयान को अदालत में पेश नहीं किया गया है.

राघवचार्युलु ने कहा,'यह संभव है कि पुलिस दस्तावेज छिपाने की मदद के लिए सीएएम के खिलाफ आरोप लगा सकती है.'