एनआईए अब जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजों को आतंकियों से मिल रहे साथ की जांच कर रही है. एनआईए लश्कर-ए-तैयबा के अध्यक्ष हाफिज सईद और कट्टरपंथी कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की भूमिका की भी जांच कर रही है.
एनआईए ने मामला दर्ज करने से पहले के स्तर पर अपनी शुरुआती जांच में दोनों लोगों के नाम लिये हैं. उसने नईम खान को भी नामजद किया है जिसे टेलीविजन पर एक स्टिंग ऑपरेशन में कथित तौर पर पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से पैसा लेने की बात कबूलते देखा गया था.
शुरुआती जांच में अन्य नाम फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे और तहरीक-ए-हुर्रियत के गाजी जावेद बाबा के हैं.
बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से घाटी में तनाव
एनआईए का दल पीई में नामजद लोगों से पूछताछ करने और उनके खिलाफ दस्तावेजी साक्ष्य एकत्रित करने के लिए आज श्रीनगर पहुंचा. लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज सईद पाकिस्तान में रहता है.
इस मामले में जिन लोगों के नाम हैं, एनआईए उनसे अपने समक्ष पेश होने के लिए कह सकती है लेकिन उन्हें ऐसा करने के लिए बाध्य नहीं कर सकती या उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकती.
पिछले साल आठ जुलाई को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी मारा गया था. जिसके बाद स्कूलों को जलाये जाने की घटनाओं के सिलसिले में इकट्ठे हुए सबूतों की एनआईए की टीम समीक्षा करेगी.
एनआईए की पीई में आरोप है कि अलगाववादियों को कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों पर पथराव करने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और स्कूलों तथा अन्य सरकारी प्रतिष्ठानों को जलाने समेत विध्वंसक गतिविधियों के लिए पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद से धन मिल रहा है.
उन्होंने कहा कि एनआईए ने एक टीवी संवाददाता और कश्मीर घाटी में गतिविधियां चला रहे अलगाववादी संगठनों के नेताओं के बीच इस संबंध में बातचीत की रिकॉर्डिंग से जुड़ी एक खबर का संज्ञान भी लिया है.