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जानें कौन है भारत में फिदायीन हमले की साजिश रचने वाला मुफ्ती सुहैल

एनआईए के मुताबिक, इस्लामिक स्टेट (ISIS)के नए मॉड्यूल हरकत-उल-हर्ब-इस्लाम ने देश में बड़े बम धमाके की साजिश रची थी

FP Staff

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और यूपी पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) की टीम ने दिल्ली और यूपी में कथित आतंकी गतिविधियों वाले कई ठिकानों पर छापेमारी की. इस दौरान पुलिस ने भारी मात्रा में विस्फोटक सामान और हथियार बरामद किए. एनआईए के मुताबिक, इस्लामिक स्टेट (ISIS) के नए मॉड्यूल हरकत-उल-हर्ब-इस्लाम ने देश में बड़े बम धमाके की साजिश रची थी. इसके निशाने पर कई मुख्य हस्तियों, प्रतिष्ठानों और दिल्ली के बड़े मार्केट तक शामिल थे.

NIA के आईजी आलोक मित्तल के मुताबिक, इस पूरी साजिश के पीछे मुफ्ती सुहैल को मास्टरमाइंड माना जा रहा है, जो मूल रूप से अमरोहा का रहने वाला है. पुलिस ने इस मामले में 10 संदिग्धों को हिरासत में लिया है. हालांकि, मुफ्ती सुहैल की तलाश जारी है. आइए जानते हैं कौन है ये मुफ्ती सुहैल?


एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस गैंग का मकसद आने वाले दिनों में कई बड़े जगहों पर धमाके करके दहशत फैलाना था. इस सरगने का मास्टरमाइंड उत्तर प्रदेश के अमरोहा का एक मौलवी मुफ्ती सुहैल है, जो फिलहाल दिल्ली में रहता है.

अमरोहा में जुटा रहा था मौत का सामान

मुफ्ती सुहैल दिल्ली में रहकर देश को दहलाने की कथित साजिश रच रहा था. करीब दो महीने पहले उसने अमरोहा के एक इलाके में रूम लिया, ताकि वहां मौत का सामान (हथियार वगैरह) जुटाए जा सके. मौत के इस खेल में वह युवाओं को भी जोड़ रहा है. इसके लिए जिहाद के नाम पर उनका माइंड वॉश किया जा रहा था.

रिपोर्ट के मुताबिक, मुफ्ती सुहैल दो हफ्ते पहले ही अपने गांव लौटा था. बुधवार को एनआईए की टीम की छापेमारी से कुछ देर पहले ही वह वहां से फरार हो गया.

30 साल पहले जाफराबाद में बसा परिवार

रिपोर्ट के मुताबिक, मुफ्ती सुहैल का परिवार करीब 30 साल पहले दिल्ली के जाफराबाद में बस गया था. सुहैल ने मदसरता जामा मस्जिद अमरोहा और देवबंद के किसी मदरसे में तालीम ली है. दिल्ली में एक मदरसे में बच्चों को पढ़ा भी रहा था. पुलिस यहां भी पूछताछ करने वाली है.

क्या है पूरा मामला?

NIA ने बुधवार को 17 लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन किए. एनआईए ने यूपी और दिल्ली पुलिस की मदद से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया. गिरफ्तार लोगों में 5 आरोपी यूपी के रहने वाले हैं. संदिग्धों के पास से 7.5 लाख रुपये, 100 मोबाइल फोन, 135 सिमकार्ड्स, लैपटॉप और मेमोरी कार्ड्स जब्त किए गए हैं. 120 अलार्म घड़ियां भी बरामद की गई हैं.

सेल्फ फंडिंग करते थे सभी संदिग्ध

एनआईए के आईजी मित्तल ने बताया कि आतंकी संगठन से जुड़े संदिग्ध सेल्फ फंडिंग करते थे. कुछ लोगों ने घर का सोना चोरी करके बेचा. इसी से बम बनाने के उपकरण और विस्फोटक खरीदे गए. इनकी जल्द ही धमाके करने की साजिश थी.